भारत में Cryptocurrency खरीदने या बेचने पर लग सकता है बैन, पढ़े पूरी खबर

 भारत में Cryptocurrency खरीदने या बेचने पर बैन लग सकता है। लेकिन इसमें रुचि रखने वाले निवेशकों के लिए अच्‍छी खबर भी है। वह यह कि क्रिप्‍टोकरंसी को सोने, शेयर या बॉन्‍ड की तरह रखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह क्रिप्‍टोकरंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने से भी बचत होगी। हालांकि सरकार क्रिप्‍टो कंपनियों के कारोबार पर रोक लगाने की सोच रही है। उसका मकसद क्रिप्‍टो की खरीद-फरोख्‍त में लगे एक्‍सचेंज और दूसरे प्‍लेटफॉर्म को नए निवेशकों को लाने से रोकना है।

क्रिप्‍टो कम्‍युनिटी ने भारतीय अधिकारियों को इस बारे में बताया है कि इसे एक एसेट के तौर पर लेना चाहिए ना कि करंसी के रूप में। इससे एक्‍सेपटेंस रहेगा और पाबंदी नहीं लगेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते हफ्ते इस मुद्दे पर बैठक की थी। दरअसल, क्रिप्‍टोकरंसी को लेकर आशंका है कि इसका इस्‍तेमाल टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में हो सकता है। इसके बाद अब Cryptocurrency कारोबार के लिए सख्‍त नियम बनाए जा रहे हैं और इसका बिल शीतकालीन सत्र में आ सकता है। क्रिप्‍टोकरंसी को रेगुलेट करने के लिए Securities and Exchange Board of India (Sebi) को नियामक बनाया जा सकता है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) इसके चलन का विरोध कर रहे हैं। दास ने एक सप्ताह में दूसरी बार क्रिप्टोकरंसी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की वर्चुअल मुद्राओं से देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं। इससे पहले सोमवार को खबर थी कि संसद की फाइनेंस पर स्थायी समिति ने क्रिप्टोकरंसी के तमाम पहलुओं को लेकर हितधारकों के साथ चर्चा की, जिसमें कई सदस्यों ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय इसके नियमन की जरूरत बताई।

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है। दास ने कहा कि आंतरिक विमर्श के बाद आरबीआई की यह राय है कि वृहत आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं हैं और इनके बारे में गहन चर्चा करने की जरूरत है। दास ने चलन में मौजूद क्रिप्टोकरंसी की मात्रा पर संदेह जताते हुए कहा कि निवेशकों को इसके जरिए लुभाने की कोशिश की जा रही है। क्रिप्टो खाते खोलने के लिए कर्ज भी दिए जा रहे हैं।

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