हरियाणा रोडवेज विभाग में एक करोड़ रुपये के गबन मामले में अब चार्जशीट दायर कर दी गई.. 

हरियाणा रोडवेज विभाग में एक करोड़ रुपये के गबन मामले में अब चार्जशीट दायर कर दी गई है। पांच आरोपितों पर चंडीगढ़ पुलिस ने शिकंजा कसा है। वर्कशाप के तत्कालीन महाप्रबंधक के मुताबिक क्लर्क संजय ने भुगतान किए गए बिलों के साथ छेड़छाड़ की थी

हरियाणा रोडवेज में एक करोड़ रुपये से अधिक के गबन मामले में चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। पांच साल पहले इस मामले में चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया स्थित हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।

चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा रोडवेज के क्लर्क संजय, प्रह्लाद, रतन सिंह, राजकुमार, विनोद और अंकुर को आरोपित बनाया था। अब इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 466, 468, 471 और 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चार्जशीट दायर की है।

क्या है मामला

वर्कशाप (कार्यशाला) के तत्कालीन महाप्रबंधक आरके गोयल ने शिकायत में आरोप लगाया कि क्लर्क संजय भुगतान किए गए बिलों के साथ छेड़छाड़ कर रहा है और अलग खातों में पैसा जमा कर रहा है। इस तरीके से उसने 1.09 करोड़ रुपये सरकारी धन की हेराफेरी की थी। बिलों में चल रही इस हेराफेरी का पता तब चला जब गुरुग्राम और करनाल के रोडवेज वर्कशाप से भुगतान की देरी से मिलने की शिकायत सामने आने लगी।

जांच समिति ने क्या पाया

गोयल ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि जब शिकायतें मिलीं तो जांच के आदेश दिए गए और एक समिति गठित की गई। समिति ने पिछले दो वर्षों के रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि क्लर्क ने हरियाणा इंजीनियरिंग निगम के बिलों को अन्य फर्मों में जमा किया था। बाद में ऐसी कई एंट्रियां मिलीं जिनमें एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि ऐसी फर्मों के पास जमा करवाई गई, जो उसकी हकदार नहीं थीं।

आरोपितों ने बनाईं थी शेल कंपनियां

पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपितों ने शेल कंपनियां बनाईं और क्लर्कों को फर्जी बिल मुहैया कराए, जिन्होंने उनके खातों में पैसे ट्रांसफर किए। कथित तौर पर भुगतान के लिए संजय को उसमें से कमीशन दिया गया था। पुलिस ने जिन फर्मों का जिक्र किया है उनमें शिव इंटरप्राइजेज, बाला जी एंटरप्राइजेज, मेरिक इंटरप्राइजेज, क्लासिक प्रिंटर्स और क्लासिक स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं।

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