जम्मू-कश्मीर में फर्जी गन लाइसेंस मामले में CBI ने प्रदेश के छह जिलों और दिल्ली समेत कुल 40 ठिकानों पर एक साथ की छापेमारी

CBI ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। जम्मू-कश्मीर में फर्जी गन लाइसेंस मामले में CBI ने प्रदेश के छह जिलों और दिल्ली समेत कुल 40 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। इनमें दो IAS अधिकारी और कई गन डीलर भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के जनजातीय मामलों के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी के जम्मू के बाहरी इलाके भंठिडी और श्रीनगर के तुलसीबाग में स्थित सरकारी निवास पर भी दबिश दी गई। इसके अलावा दिल्ली स्थित एडिशनल रेजीडेंट कमिश्नर नीरज कुमार के आवास और कार्यालय में भी छापे मारे गए। CBI ने कई महत्वपूर्ण रिकार्ड व दस्तावेज जब्त किए हैं।

आरोप है कि जम्मू-कश्मीर के कई जिलों के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) ने स्थानीय गन डीलरों के साथ मिलकर उन लोगों को नाम भी गन लाइसेंस जारी कर दिए, जिनके जम्मू-कश्मीर में निवासी ही नहीं हैं। शनिवार को जम्मू के छह जिलों जम्मू, ऊधमपुर, राजौरी, श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग में छापे मारे गए। ऊधमपुर जिले में CBI ने चार गन हाउस में जांच कर दस्तावेज जब्त किए। इस बारे में एसएसपी सरगुन शुक्ला से संपर्क किया गया तो उन्होंने CBI की छापेमारी की जानकारी न होने की बात कही। जनजातीय मामले विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने श्रीनगर के तुलसीबाग स्थित अपने सरकारी निवास पर सीबीआइ छापे की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई गन लाइसेंस मामले में हुई है। उन्होंने कहा कि ऊधमपुर में वर्ष 2012 से 2016 के दौरान 36 हजार लाइसेंस जारी हुए हैं और इनमें से सिर्फ 1500 ही मेरे कार्यकाल से जारी हुए हैं जो चार प्रतिशत के आस पास हैं।

क्या है पूरा मामला :

आरोप है कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2012 से 2016 के बीच कई जिलों के डीसी ने नियमों को ताक पर रखकर 2.78 लाख फर्जी गन लाइसेंस जारी किए थे। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत लेकर अन्य राज्यों के प्रभावशाली लोगों के अलावा जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी दे चुके सुरक्षाबलों भी को लाइसेंस जारी किए। इसमें गन विक्रेताओं और कुछ जिला मजिस्ट्रेट की सांठगांठ का भी आरोप है। कुछ जिलों के अधिकारियों ने तो बैक डेट पर भी लाइसेंस जारी किए हैं।

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