आईआईटीयन ने प्रोफेसर को भेजा एक ई-मेल, पढ़ते ही उड़ गए होश…

आईआईटी कानपुर के केमिस्ट्री विभाग में एक सीनियर प्रोफेसर पर अपने पीएचडी छात्र को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। परेशान छात्र ने प्रोफेसर को ई-मेल करके सुसाइड करने की धमकी दी और हॉस्टल जाकर खुद को कमरे में कैद कर लिया। 

छात्र का मेल मिलते ही प्रोफेसर घबरा गए। उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी डीन स्टूडेंट अफेयर, डीन एकेडमिक अफेयर और सिक्योरिटी विभाग को दी जिसके बाद सभी हॉल-8 में स्थित छात्र के रूम पर पहुंच गए। काफी कोशिश के बाद इंस्टीट्यूट के प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्र को कमरे से बाहर निकाला और मनोचिकित्सक डॉ. महेंद्रू के अस्पताल में भर्ती करा दिया। छात्र दार्जिलिंग का रहने वाला है। डीन स्टूडेंट अफेयर प्रो. पी शुनमुगराज ने बताया कि छात्र डिप्रेशन में था। उसका इलाज कराया जा रहा है वहीं निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने मामले में जांच कराने की बात कही।

पांच साल में होने वाली पीएचडी साढ़े तीन साल में पूरी करने वाला है 
छात्र पढ़ाई में तेज है। 2014 में उसने यहां केमिस्ट्री आर्गेनिक से पीएचडी करने के लिए एडमिशन लिया था। एक सीनियर प्रोफेसर बतौर रिसर्च सुपरवाइजर नियुक्त हुए। छात्र के पांच रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुए हैं जबकि इसमें छह को इंपैक्ट फैक्टर (दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रिसर्च पेपर) में शामिल किया गया है। दो इंडियन पेटेंट भी छात्र ने कराए हैं और साढ़े तीन साल के शोध में ही छात्र ने ओपन सेमिनार भी अटेंड कर लिया। इसके बाद छात्र ने थिसीस जमा कर दिया। आरोप है कि जानबूझकर प्रोफेसर देर कर रहे हैं। छात्र ने एडमिशन के बाद हुए कोर्स वर्क के पेपर में पूरे10 सीपीआई अंक हासिल किए थे।

प्रोफेसर पर क्षेत्रवाद का आरोप
प्रोफेसर के अंडर में रिसर्च कार्य पूरा कर चुके एक छात्र ने नाम न प्रकाशित करने की सहमति पर बताया कि प्रोफेसर साहब क्षेत्रवाद काफी ज्यादा करते हैं। वह पश्चिम बंगाल से हैं और केवल वहीं के छात्रों को अधिक तवज्जो देते हैं। अन्य छात्रों को बेवजह परेशान करते हैं। बता दें कि इसी साल 18 अप्रैल को इंस्टीट्यूट के हॉल-8 में पीएचडी छात्र भीम सिंह ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। भीम पढ़ाई में तेज था। पुलिस जांच में सामने आया कि गर्ल फ्रेंड से लड़ाई होने के बाद उसने आत्महत्या की।

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