IIT की आंतरिक जांच कमेटी में आरोपों की पुष्टि के बाद प्रोफेसर को हटाया कोर्स के शिक्षण कार्य से

आइआइटी ने विदेशी छात्रा से छेड़छाड़ के मामले को संज्ञान लेते हुए आरोपित वरिष्ठ प्रोफेसर को संबंधित शिक्षण कार्य से हटा दिया है। आइआइटी प्रशासन ने आंतरिक जांच कमेटी की सिफारिश पर ये कार्रवाई की है। पीडि़त विदेशी छात्रा ने अपने दूतावास और संस्थान के वूमेन सेल में शिकायत की थी।

सिविल इंजीनियरिंग विभाग में किया था आवेदन

आइआइटी में पढ़ रही पीडि़त विदेशी छात्रा ने सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कोर्स के लिए आवेदन किया था, जिसमें उसका चयन हो गया था। उसे संबंधित विभाग के एक वरिष्ठ प्रोफेसर के अंडर में पढ़ाई के लिए अनुमति दी गई थी। वरिष्ठ प्रोफेसर के अंडर में पढ़ाई शुरू करने के कुछ दिनों बाद से छात्रा परेशान रहने लगी थी। करीब एक सप्ताह पहले उसने संस्थान के वूमेन सेल और अपने दूतावास में वरिष्ठ प्रोफेसर पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।

वरिष्ठ प्रोफेसर को शिक्षण कार्य से हटाया

आइआइटी के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि पिछले सप्ताह संस्थान की एक छात्रा ने कमेटी से शिकायत की थी कि उसके साथ फैकेल्टी मेंबर ने गलत व्यवहार किया। इसपर संस्थान की आंतरिक जांच कमेटी ने सेक्सुअल हेरासमेंट ऑफ वूमेन एट वर्कप्लेस के तहत जांच की। इस कमेटी की प्राथमिक सिफारिश के आधार पर संबंधित फैकेल्टी मेंबर को उस कोर्स के शिक्षण दायित्व से हटा दिया गया है। संस्थान ऐसे बर्ताव का न तो समर्थन करता है और न ही शिकायतों को टालता है। उन्होंने कहा, एक बार आइसीसी की रिपोर्ट आने के बाद यदि उन्हें दोषी पाया गया तो संबंधित फैकेल्टी मेंबर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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