अगर होना है हर परीक्षा में सफल में सफल तो करे इन खास तरीकों से मां सरस्वती की पूजा

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है इन देवी के आशीर्वाद के बिना इंसान अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता। जो इंसान मां सरस्वती की सच्चे मन से और भाव से पूजा करता है वह इंसान अपने जीवन में प्रगति के पथ पर बढ़ता जाता है। मां सरस्वती सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं इनको शुशुक्लवर्ण, श्वेत वस्त्रधारिणी, वीणावादनतत्परा तथा श्वेतपद्मासना कहा जाता है। यदि इन माता की उपासना सच्चे दिल से किया जाए तो मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान बन जाता है। विद्या की कोई भी कला हो इनकी पूजा करना आवश्यक है क्योंकि ज्ञान संबंधी कोई भी क्षेत्र हो इनकी कृपा के बिना वह पूर्ण नहीं होता।

अगर होना है हर परीक्षा में सफल में सफल तो करे इन खास तरीकों से मां सरस्वती की पूजा

मां सरस्वती की पूजा करने के नियम।

बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती की पूजा की जाती है मां सरस्वती की पूजा करते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है सर्वप्रथम मां सरस्वती की प्रतिमा को सामने रखिए साथ ही मां सरस्वती की पूजा करने से पहले उनका आचमन और स्नान कराएं फिर श्वेत वस्त्र पहनाएं इसके बाद मां के सामने फूल, फूलों की माला, सिंदूर अन्य श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी अति आवश्यक है। सरस्वती मां की पूजा करते समय हमेशा ही पीले रंग का फल चढ़ाएं अथवा उसके बाद कुछ मीठा भी अर्पित करें साथ ही सरस्वती वंदना अवश्य करें ऐसा करने से मां आप की हर मनोकामना को स्वीकार करती है।

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सरस्वती वंदना-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥

नोट:- यह लेख मानव रुचि हेतु हम आपके सामने लाए हैं माँ सरस्वती की पूजा किस प्रकार की जानी छाइये ताकि आप सभी पूजा करते समय किसी भी प्रकार की गलती नहीं करे और माँ का आशीर्वाद प्राप्त करे !

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