मोटी सैलरी पाना चाहते है तो, 12वीं के बाद पर्यावरण में ऐसे बनाएं करियर
पर्यावरण का स्तर दिन-ब-दिन बद से बदतर होता जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग, वायु, जल और भूमि प्रदूषण, मिट्टी का क्षरण, पेड़ों की कटाई आदि पर्यावरण के सामने आने वाली प्रमुख समस्याएं हैं। इन समस्याओं से निबटने, पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार ‘पर्यावरण इंजीनियरिंग’ के अंतर्गत आता है। पर्यावरण इंजीनियरिंग (एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग) एक ऐसा क्षेत्र है, जो पर्यावरण से संबंधित समस्याओं पर काम करता है। प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता का स्तर सुधारने में योगदान देता है। यह क्षेत्र पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित होता है। इसमें कार्य करने वाले पर्यावरण इंजीनियर्स प्राकृतिक पर्यावरण के संकट की चुनौतियों का सामना करने का प्रयत्न करते हैं। पहले, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग को सिविल इंजीनियरिंग की एक शाखा माना जाता था।
क्या है एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
सीनियर करियर काउंसलर, डॉ. संजिब आचार्य कहते हैं कि एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग विज्ञान और इंजीनियरिंग के सिद्धातों का मिश्रण है, जिनकी मदद से इस पृथ्वी पर निवास करने वाले मानव और अन्य जीव-जंतुओं को एक अच्छा वातावरण, स्वास्थ्यवर्धक हवा, पानी और जमीन आदि मुहैया कराने का प्रयास किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो पर्यावरण इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की वह शाखा है, जो पर्यावरण के मुद्दों और समस्याओं पर केंद्रित है।
सीनियर करियर काउंसलर, डॉ. संजिब आचार्य कहते हैं कि एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग विज्ञान और इंजीनियरिंग के सिद्धातों का मिश्रण है, जिनकी मदद से इस पृथ्वी पर निवास करने वाले मानव और अन्य जीव-जंतुओं को एक अच्छा वातावरण, स्वास्थ्यवर्धक हवा, पानी और जमीन आदि मुहैया कराने का प्रयास किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो पर्यावरण इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की वह शाखा है, जो पर्यावरण के मुद्दों और समस्याओं पर केंद्रित है।
शैक्षणिक योग्यता
पर्यावरण इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के लिए आपके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में 12वीं पास का प्रमाणपत्र होना चाहिए। वहीं पोस्टग्रेजुएशन करने के लिए एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री जरूर होनी चाहिए।
पर्यावरण इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के लिए आपके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में 12वीं पास का प्रमाणपत्र होना चाहिए। वहीं पोस्टग्रेजुएशन करने के लिए एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री जरूर होनी चाहिए।