अगर आप नौकरी करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। इसे पढ़कर आपको भी इस कंपनी को ज्वाइन करने का मन करेगा। जी हां, वजह ही कुछ ऐसी है। अब भला कोई इंसान ऐसी जगह काम करने से कैसे मना कर सकता है जहां कर्मचारियों को हफ्ते में चार दिन ही काम करना होगा। हैरान हो गए न सुनकर..?
दरअसल, न्यूजीलैंड की एक कंपनी ने अपने यहां हफ्ते में चार दिन काम करने काम करने व तीन दिन आराम करने का फैसला किया है। यहां अब कर्मचारियों को हफ्ते में चार दिन ही काम करना होगा। तीन दिन परिवार और आराम के लिए मिलेंगे। न्यूजीलैंड की एक ट्रस्ट कंपनी ने अपने वर्किंग वीक कल्चर को स्थायी रूप से बदलने का एलान किया है। ये सभी परीक्षण के बतौर किया गया है। इस बीच कंपनी ने ट्रायल के दौरान अपने कर्मचारियों से हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम कराया।
कंपनी न मार्च 2018 में इसका एक परीक्षण शुरू किया। ट्रायल के दौरान कर्मचारियों से सिर्फ चार दिन काम कराया गया। आठ हफ्तों तक किए गए परीक्षण के नतीजे हैरान करने वाले रहे। कंपनी का नाम पर्पेचुअल गार्डियन बताया जाता है। इसके चीफ एक्जीक्यूटिव का कहना है कि इस परीक्षण के बाद चौंकाने वाले रिजल्ट सामने आए हैं। इसके बाद से ‘उत्पादकता थोड़ी बेहतर हुई, तनाव का स्तर गिर गया।’
कंपनी में 240 कर्मचारियों पर यह परीक्षण किया गया। उनसे कहा गया कि वे हर हफ्ते सिर्फ चार दिन ही काम पर आएं। इस दौरान उनकी तनख्वाह में भी कोई कटौती नहीं की गई। ये ट्रॉयल ऑकलैंड यूनिवर्सिटी की रिसर्चरों ने की। रिसर्चरों के मुताबिक काम के घंटे घटाने से कामकाज पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। इस फैसले के बाद से कंपनी से कंपनी में खुश रहने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़ गया जिसके बाद से कंपनी के ग्रोथ रिपोर्ट में भी सकारात्मक बदलाव नजर आया।जहां पहले 58 प्रतिशत लोग ही कंपनी में खुश रहते थे वही अब 78 प्रतिशत लोग अब खुश रहने लगे हैं।
कंपनी की ओर से जारी किए गए अधिकारिक बयान से ये साफ हो गया कि स्टाफ संतुष्ट रहने लगा और कंपनी के साथ काम जारी रखने की भावना में भी काफी इजाफा हुआ जिसका सीधा असर प्रोडक्टिविटी पर पड़ा है। कर्मचारियों ने प्रोडक्टिविटी में कोई गिरावट नहीं आने दी है।
आज के समय में काम काज और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाना बड़ी समस्या है। तकनीकी बदलावों के चलते रोजगार के तरीके बदल रहे हैं। यही वजह है कि होम ऑफिस और रिमोट वर्क जैसे तरीके अब कई कंपनियां इस्तेमाल करने लगी हैं।