अगर आप भी शाम को करते है पूजा, तो ध्यान में रखें ये बातें वरना हाे जाएंगा सर्वरनाश

हिंदू धर्म में तीन वेला की पूजाओं का विशेष महत्व है। प्रातः काल, दोपहर और सांय काल की पूजा। सांय काल की पूजा सूर्यास्त के समय की जाती है। इसको संध्या पूजन कहते हैं। दिन भर के बाद संध्या पूजा करने से विशेष तरह के शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है। कुछ विशेष पूजा और प्रयोग ऐसे हैं जो केवल संध्या पूजा में ही फलदायी होते हैं। 

– संध्या पूजा सूर्यास्त के समय के लगभग करनी चाहिए।

 – स्नान करना उत्तम होगा, अन्यथा ठीक तरीके से हाथ पैर धो लें।

– इस समय की पूजा में घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।

– इसके बाद सबसे पहले गायत्री मंत्र का जाप करें।

– फिर जो कोई भी मंत्र आप जाप करते हों, जाप करें।

– शंख बजाएं और पूरे घर में या तो धूप जलाएं या आरती दिखाएं।

संध्या पूजा की सावधानियां क्या हैं ?

– संध्या पूजा के पूर्व कुछ खाद्य न खाएं।

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– संध्या पूजा में घर के जितने लोग होंगे उतना ही अच्छा होगा।

– संध्या पूजा बिना दीपक के नहीं करनी चाहिए।

– संध्या पूजा के बाद घर में बनने वाले भोजन को भगवान को जरूर अर्पित करें। 

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