अगर कोई महिला बनना चाहती है सफल जासूस तो फॉलो करने चाहिए ये 7 टिप्स

आपने फिल्मों में बहुत से जासूसों को देखा होगा। जासूसों के ऊपर कई किताबें भी लिखी जा चुकी हैं। शरलॉक होम्स, जेम्स बांड, ब्योमकेश बक्शी हो या करमचंद, ये सभी कल्पनाओं से बुने हुए किरदार हैं। लेकिन इन काल्पनिक किरदारों को देखकर-पढ़कर असल जीवन में भी कई लोगों के ऊपर जासूसी का नशा चढ़ा और आज वो सफल की सीढ़ियाँ चढ़ रहे हैं। एक बात तो सबमें कॉमन है वो ये कि ये सभी जासूसी किरदार केवल पुरुष ही हैं, तो क्या महिलाएँ जासूसी नहीं कर सकती हैं।

अगर कोई महिला बनना चाहती है सफल जासूस तो फॉलो करने चाहिए ये 7 टिप्समहिलाओं के दिल में भी सफल जासूस बनने की चाहत होती होगी। जासूसी सिखाने के लिए कई प्राइवेट कंपनियाँ कोर्स भी चलाती हैं, लेकिन यह भी सच है कि कोर्स करके कोई सफल जासूस नहीं बन सकता है। एक जासूस बनने के लिए व्यक्ति के अन्दर कुछ ख़ास क्षमताओं का होना बहुत जरुरी होता है। ये क्षमताएं जिसके भी अन्दर होती हैं, वही सफल जासूस बन सकता है। आज हम आपको 7 ऐसे टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे फॉलो करके कोई भी महिला एक सफल जासूस बन सकती है।

एक जासूस के अन्दर होने चाहिए ये गुण:

एक अच्छे जासूस की पहचान यही होती है कि उसे समय के अनुसार अलग-अलग किरदार निभाने की कला का ज्ञान होना चाहिए। कई बार किसी केस को सुलझाने के लिए जासूसों को भिखारी से लेकर नौकरानी तक का काम करना पड़ता है।

जासूसी के क्षेत्र में तकनीकि का अच्छा ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है। जासूसी में सबूतों का महत्व ज्यादा होता है। आज के तकनीकि प्रधान समय में सबूतों को इकठ्ठा करने के लिए अलग-अलग गैजेट के बारे में अच्छे से ज्ञान होना चाहिए।

जासूसी का मतलब ही होता है छुपकर काम करना। इसके लिए अगर आपको किसी की सबूत के तौर पर फोटो भी लेनी है तो छुपे हुए कैमरे से लेनी है। इसके लिए आपको उसका अच्छा ज्ञान होना चाहिए।

अच्छे जासूस को कानून के सभी जरुरी पहलुओं का अच्छे से ज्ञान होना भी आवश्यक है। अगर उसे कानून का सही ज्ञान होगा तभी वह सोच-समझकर केस का चुनाव करेगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होगा। किसी का कंप्यूटर हैक करते समय या फ़ोन टैप करते समय कौन सी क़ानूनी अड़चने आ सकती हैं, इसके बारे में भी जानकारी होना चाहिए।

एक प्राइवेट जासूस के पास फोरेंसिक का अच्छा ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है। अगर वह फोरेंसिक का जानकार होगा तभी उसे मालूम होगा कि घटना स्थल से किस तरह सबूत इकट्ठे करने हैं। वरना सबूत उसके सामने ही होंगे और वह उन्हें देख नहीं पायेगा।

एक जासूस के अन्दर क्रिएटिविटी कूट-कूट कर भारी होनी चाहिए। उसे हर काम को क्रिएटिव ढंग से करन आना चाहिए। अगर उसे किसी का पीछा भी करना है तो उसे पता होना चाहिए कि पीछा किस तरह से किया जाये कि सामने वाले को इसका पता ना चल पाए। अगर वह कुछ पूछना चाहता है तो इस तरह से पूछे की शक भी ना हो और सारी जानकारी भी मिल जाये।

एक जासूस के लिए साहसी होना सबसे पहली शर्त होती है, लेकिन उसे यह भी अच्छे से पता होना चाहिए कि साहसी और बेवकूफी में क्या फर्क है। किसी मुश्किल समय से निकलने के लिए साहस की जरूरत पड़ती है, लेकिन फिल्मों के हीरो की तरह छत से कूदना या खिड़की तोड़ना यह बेवकूफी होती है।

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