ICC नहीं बदलेगी टेस्ट क्रिकेट की 140 साल पुरानी परंपरा
May 30, 2018
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टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने मंगलवार को टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने के मामले में अहम निर्णय लिया। समिति ने अपने फैसले में कहा कि टेस्ट क्रिकेट से टॉस की प्रथा को खत्म करना सही नहीं है। इसलिए टेस्ट क्रिकेट में पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने का फैसला आगे भी सिक्का उछालकर ही किया जाएगा।
हालांकि इस चर्चा में यह भी सवाल उठाया गया कि क्या टेस्ट मैचों के दौरान घरेलू हालात के फायदे को कम करने के लिए टॉस (मेहमान टीम को अधिकार मिले) को खत्म कर दिया जाए। इस समिति में पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान जैसे माइक गैटिंग , माहेला जयवर्धने , मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कोच माइकल हेसन (न्यूजीलैंड) और पूर्व आस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज और मैच रैफरी डेविड बून भी शामिल थे।
बता दें कि इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टेस्ट क्रिकेट से टॉस की प्रथा को खत्म करने की बात कही थी। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी टेस्ट क्रिकेट से टॉस की परंपरा को खत्म करने के विचार से सहमत नहीं थे। आईसीसी का कहना थ कि यह फैसला मेजबान पर निर्भर होना चाहिए कि वो पहले बल्लेबाजी करना चाहते हैं या गेंदबाजी।
सौरव गांगुली ने कहा था, ‘टेस्ट क्रीकेट से टॉस की परंपरा को खत्म करना सही नहीं है। अगर टेस्ट क्रिकेट से टॉस हटाया जाता है तो आईसीसीसी अपनी 140 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर देगी, जो क्रिकेट के लिहाज से ठीक नहीं है।
आईसीसी के इस विचार के बाद भारतीय टीम के दो पूर्व कप्तानों- बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर ने भी अपनी राय रखी थी। दोनों पूर्व भारतीय खिलाड़ी आईसीसी के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं थे।