IAS चंद्रकला ने CBI छापे पर तोड़ी अपनी चुप्पी, दिल की बात कहने के लिए शेयर की कविता

अपनी चर्चित कार्यशैली को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाली आईएएस अफसर बी। चंद्रकला के घर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हाल ही में छापेमारी कर राजनीतिक और प्रशासिनक गलियारों में हलहल मचा दी। चंद्रकला पर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में डीएम रहते हुए अवैध खनन व अपने चहेतों को खनन पट्टे देने का आरोप है। अब इस मामले को लेकर आईएएस चंद्रकला ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया के जरिए CBI की छापेमारी को चुनावी छापा बताया है।

Social Media पर एक कविता पोस्ट करते हुए उसके अंत में कथित रूप से बी। चंद्रकला ने लिखा है, ”चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए दोस्तों।।।आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हों, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें।” पूरी कविता…

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रे रंगरेज़! तू रंग दे मुझको।।

रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
फलक से रंग, या मुझे रंग दे जमीं से,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से।।

छन-छन करती पायल से,
जो फूटी हैं यौवन के स्वर;

लाल से रंग मेरी होंठ की कलियां,
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया,
गाल पे हो, ज्यों चांदनी बिखरी,
माथे पर फैली ऊषा-किरण,

रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
यहाँ से रंग, या मुझे रंग दे, वहीं से,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से।।

कमर को रंग, जैसे छलकी गगरिया,
उर,,,उठी हो, जैसे चढती उमिरिया,
अंग-अंग रंग, जैसे, आसमान पर,
घन उमर उठी हो बन, स्वर्ण नगरिया।।

रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ,
सांस-सांस रंग, सांस-सांस रख ,
तुला बनी हो ज्यों, बांके बिहरिया,

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