मैं राजनीतिक व सामाजिक तौर पर अनाथ हो गया: शत्रुघ्न सिन्हा

पटना। राजनीतिक व सामाजिक तौर पर आज मैं अनाथ हो गया हूं। मैंने अपना ‘गॉड फादर’ खो दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी युगपुरुष थे और उनके निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के एक युग का भी अंत हो गया।मैं राजनीतिक व सामाजिक तौर पर अनाथ हो गया: शत्रुघ्न सिन्हा

उनका दृढ़निश्चयी स्वभाव, कवि ह्रदय व्यक्तित्व, गजब की हाजिर जवाबी, कठिन राजनीतिक परिस्थितियों में भी व्यंग्य और कटाक्ष जो गंभीर माहौल को भी हल्का कर दे, उनका राजनीतिक साहस और प्रशासनिक क्षमता भारत के इतिहास में युगों-युगों तक याद किया जाएगा। मैं खुद को उन सौभाग्यशाली लोगों में पाता हूं जिसे अटल जी के साथ काम करने, उनके साथ समय बिताने और उनके मंत्रिमंडल में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मैं भारतीय फिल्म उद्योग का वह पहला शख्स हूं जिसे अटल जी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था।

उन्होंने मुझे जहाजरानी और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण महकमों का कामकाज सौंपा था। मैं उन भाग्यशाली लोगों में भी शामिल रहा, जिसे अटल जी के चुनाव क्षेत्र में प्रचार करने तथा उनके मतदाताओं से सीधा संवाद करने का मौका मिला। उन्होंने मुझे भाजपा का स्टार प्रचारक बनाया। उसके बाद मुझे कश्मीर से कन्याकुमारी तक चुनाव प्रचार करने का मौका मिला।

यह अटल जी की दूरदर्शिता ही थी कि भाजपा की सभाओं में मंच साझा करने से पहले उन्होंने मुझे नानाजी देशमुख से प्रशिक्षित कराया था। ऐसे युगपुरुष और युग का अंत होते देखकर मुझे भारतीय राजनीति में एक ऐसी शून्यता दिखाई दे रही है जो आने वाले कई युगों तक कायम रहेगी। अटल जी तो पिछले आठ-नौ वर्षों से खामोश थे। लेकिन वह खामोशी डराने वाली नहीं थी। दुनिया से विदा लेकर उन्होंने भारतीय राजनीति में जो शून्यता छोड़ी है वह शून्यता आने वाले कई युगों तक भरने वाला नहीं है। 

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