पति ने पत्नी की हत्या कर लास को रजाई में छिपाया, फिर भी नही…पाया

गोविंदपुरी इलाके के तुगलकाबाद एक्सटेंशन में महिला की हत्या कर बेड में शव छुपाने की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने महिला के पति दावारी, कामेेडी देवी, बागेश्वर, उत्तराखंड निवासी सुरेश सिंह (26) को गिरफ्तार कर दावा किया है कि उसने पीछा छुड़ाने के लिए उसका कत्ल किया था।

पति ने पत्नी की हत्या कर लास को रजाई में छिपाया, फिर भी नही...पाया पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मारिया मैसी उर्फ सावित्री मेहरा (30) उसकी दूसरी पत्नी थी। उसने 11 जनवरी को मारिया की हत्या की और गांव भाग गया। पुलिस ने उसे उत्तराखंड से ही दबोचा है।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि 29 जनवरी की शाम तुगलकाबाद विस्तार गली नंबर-12 से एक मकान से महिला का शव मिला था। शव रजाई में लपेटकर छुपाया गया था और देखने से दो-तीन सप्ताह पुराना लग रहा था।

मारिया के पहले पति ने दी थी सूचन

सूचना देने वाले उस्मान ने बताया कि वह मारिया का पहला पति है। 2005 में उसने मारिया से शादी की थी, लेकिन 2012 से दोनों अलग रह रहे थे। 2015 में मारिया ने सुरेश से शादी कर ली थी। दोनों के बीच अक्सर झगड़े होने लगे थे।

इधर, मारिया के भाई को कई दिन तक उसका फोन बंद मिला तो उसने उस्मान से मारिया की खबर लेने को कहा था। इसके बाद हत्या का खुलासा हुआ। उस्मान ने सुरेश को फोन किया तो उसने कहा कि वह मारिया के साथ बंगलूरू आया है।

पुलिस ने आरोपी को उसके गांव से दबोचने के बाद दावा किया कि वह नेपाल भागने की फिराक में था। शुरुआत में सुरेश ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन बाद में हत्या करने की बात कबूल कर ली। हत्या 11 जनवरी को की गई थी।

फेसबुक पर हुई थी दोस्ती

सुरेश ने बताया कि उसने देहरादून के एक कॉलेज से बीएससी फिजियोथेरेपी का कोर्स किया। बाद में दिल्ली के एस्कोर्ट अस्पताल से इंटर्नशिप की।
 
2012 में उसकी फेसबुक के जरिये मारिया से मुलाकात हुई। मारिया पति उस्मान को छोड़कर हल्द्वानी में रहती थी। दोस्ती के बाद सुरेश ने उसे साथ में रहने के लिए देहरादून बुला लिया। 2013 से दोनों लिवइन में रहने लगे थे। 

परिजनों की मर्जी से कर ली थी शादी
सुरेश ने जून 2015 में अपने घरवालों की मर्जी से लाता नामक लड़की शादी कर ली थी। मारिया को फेसबुक के जरिये शादी का पता चला तो उसने खूब हंगामा किया।

 
उसने दबाव बनाकर 15 दिन बाद ही सुरेश के साथ आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। बाद में दोनों के बीच अक्सर झगड़ा रहने लगा। लाता को भी मारिया का पता लग गया था। लाता व परिवारवाले मारिया को छोड़ने का दबाव बना रहे थे। 

ठिकाने लगाने को चुना जनवरी का महीना

आरोपी फिजियोथेरेपिस्ट था। उसे अच्छी तरह पता था कि शव को सड़ने में कितने दिन लगते हैं। सर्दियों के कौन से महीने में हत्या का पता देर से चलेगा।
 
हत्या की योजना बनाकर सुरेश ने जनवरी का इंतजार किया। इधर, नौकरी की तलाश के बहाने सुरेश नवंबर में मारिया को लेकर दिल्ली आ गया।
 
यहां तुगलकाबाद में किराए का मकान लेकर रहने लगा। योजना के तहत उसने 11 जनवरी को उसकी हत्या कर शव को बेड में छुपा दिया।
 
 
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