शौक बना जानलेवा: रील बना रहा युवक पानी की टंकी में गिरा, डूबकर मौत
राजधानी लखनऊ के आशियाना के रतनखंड इलाके में पानी की टंकी पर चढ़कर रील बना रहा युवक संतुलन बिगड़ने से उसके भीतर गिर गया और डूबकर मर गया। उसके साथी ने इलाकाई लोगों को बुलाया। पुलिस और दमकल को सूचना दी गई। दमकल ने हाइड्रोलिक मशीन की मदद से टंकी के भीतर से युवक का शव निकाला।
रजनीखंड निवासी सिक्योरिटी गार्ड राकेश अग्रवाल का बेटा शिवांश अग्रवाल (19) बृहस्पतिवार शाम चार बजे रुचिखंड निवासी दोस्त प्रभात के घर जाने की बात कहकर निकला था। शाम करीब पांच बजे प्रभात के साथ वह रतनखंड स्थित पानी की टंकी पर पहुंचा। इसके बाद शिवांश टंकी पर चढ़ गया और प्रभात मोबाइल से वीडियो शूट कर रील बनाने लगा। तभी अचानक संतुलन बिगड़ने से शिवांश टंकी के अंदर गिर गया। यह देख प्रभात ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया।
लोग जुटे तो प्रभात ने बताया कि उसका दोस्त टंकी के अंदर गिर गया है। तत्काल पुलिस और दमकल को सूचना दी गई। दमकल की टीम ने काफी मशक्कत के बाद शिवांश को हाइड्रोलिक मशीन से बाहर निकाला। इसके बाद उसे लोकबंधु अस्पताल ले गए। डॉक्टर के मुताबिक जब शिवांश को लाया गया तब तक उसकी मौत हो गई थी।
बड़ी लापरवाही… ढक्कन नहीं था
शिवांश और प्रभात दोनों जान जोखिम में डालकर रील बनाने पहुंचे थे। विभाग के जिम्मेदारों की भी लापरवाही उजागर हुई है। दरअसल, टंकी के ऊपर ढक्कन नहीं लगा था। जब शिवांश ऊपर खड़ा था तो अचानक उसका बैलेंस बिगड़ा और वह टंकी के अंदर गिर गया। चंद मिनट में उसकी जिंदगी खत्म हो गई।
मोबाइल बंद कर चला गया दोस्त
हादसे के बाद जब पुलिस व लोग इकट्ठा हो गए तो प्रभात वहां से चला गया। पुलिस के मुताबिक उसका मोबाइल भी बंद है। शिवांश के परिजनों को उसके घर का पता नहीं है।
- पुलिस के मुताबिक प्रभात घटनास्थल पर मौजूद था। उससे घटना की पूरी जानकारी लेने के लिए संपर्क किया जा रहा है।
इकलौते बेटे की मौत से सदमे में परिजन
शिवांश की मौत से पिता राकेश व मां अनुपम सदमे में हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब दुनिया में नहीं रहा। पिता ने बताया कि शिवांश आठवीं पास था। इस साल 9वीं कक्षा में दाखिला कराने के लिए प्रयास में लगा था।
पत्नी को कैसे बताऊंगा, शिवांश नहीं रहा…
पत्नी को कैसे बताऊंगा, शिवांश नहीं रहा…राकेश के मुताबिक उनकी पत्नी अनुपम गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। वे सिक्योरिटी एजेंसी में काम करते थे। पत्नी की तीमारदारी में ज्यादा समय गुजरने से कुछ दिन पहले नौकरी छूट गई। बोले, पत्नी को कैसे बताऊंगा, शिवांश नहीं रहा।
सावधनी बरतें….ताकि शौक जानलेवा न बने
- ट्रेन या अन्य किसी वाहन के सामने रील बनाने से बचें।
- बीच सड़क या इमारत पर जान जोखिम में डालकर रील न बनाएं।
- चलती कार के ऊपर खड़े होकर या रफ्तार में वाहन चलाकर रील न बनाएं।
- बाइक या अन्य किसी वाहन से स्टंटबाजी कर रील बनाने से बचें।