यह ऐतिहासिक दिन हमारे ज़हन में हमेशा रहेगा: सर्बानंद सोनोवाल
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टकर (NRC) के अंतिम मसौदे के प्रकाशन पर लोगों राज्य की जनता को शुभकामना दी है. उन्होंने कहा है कि यह ऐतिहासिक लोगों के ज़हन में हमेशा रहेगा. सोनोवाल ने कहा, ‘ सुप्रीम कोर्ट के सीधे निर्देश में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों और भारत के रजिस्ट्रार जनरल के सहयोग से सोमवार को अंतिम ड्राफ्ट प्रकाशित हो सका.’
एनआरसी का बहु-प्रतिक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.9 करोड़ नामों के साथ सोमवार को जारी कर दिया गया है. एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था. एनआरसी 25 मार्च 1971 से पहले से असम में निवास करने वाले सभी भारतीय नागरिकों के नाम इस सूची में शामिल करेगी. उन्होंने कहा, ‘इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए, मैं एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में लगे 55,000 अधिकारियों और राज्य के बराक और ब्रह्मपुत्र घाटियों, मैदानों और पहाड़ियों में रहने वाले लोगों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.’
एनआरसी को ‘असमिया समाज के अधिक हितों की रक्षा के लिए साधन’ मानते हुए सोनोवाल ने विश्वास व्यक्त किया कि वास्तविक भारतीय नागरिकों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए रास्ता बनाने में सक्षम होगा. इससे पहले सीएम ने लोगों से अनुरोध किया कि अगर उनके नाम सूची में नहीं है तो वह घबराए नहीं क्योंकि ‘सभी असली आवेदकों को दावों और आपत्तियों के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.’
बंदी बनाने के डर को खारिज करते हुए सोनोवाल ने कहा कि अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद किसी को भी हिरासत केंद्र में नहीं भेजा जाएगा. विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘एनआरसी का पहला मसौदा बहुत ही शांतिपूर्ण माहौल में प्रकाशित (31 दिसंबर 2017 की मध्यरात्रि) हुआ. मैं राज्य के लोगों से अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद भी ऐसा ही माहौल बनाए रखने की अपील करता हूं.’