कच्चे तेल की अधिक कीमतें आर्थिक वृद्धि के लिए मुख्य जोखिमः मूडीज

नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें देश की आर्थिक वृद्धि के लिए मुख्य जोखिम हैं। हालांकि पेट्रोल एवं डीजल पर दी जाने वाली छूट में सुधार से जोखिम कम हुआ है। मूडीज और उसकी सहयोगी इकाई इक्रा द्वारा किए गए सर्वेक्षण में निवेशकों ने कच्चे तेल की अधिक कीमतों को आर्थिक वृद्धि के लिए मुख्य जोखिम बताया और कहा कि 3.3 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल है। कच्चे तेल की अधिक कीमतें आर्थिक वृद्धि के लिए मुख्य जोखिमः मूडीज

निवेशकों ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की सरकार की योजना पर्याप्त नहीं है क्योंकि बैंक योजना के हिसाब से पूंजी नहीं जुटा पाए हैं। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सर्वेक्षण में शामिल लोगों की राय की तरह हम भी कच्चे तेल की अधिक कीमतों को आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम मानते हैं। हालांकि पेट्रोल एवं डीजल पर दी जाने वाली छूट खत्म करने से जोखिम कम हुआ है। 

अब सिर्फ केरोसिन तेल और द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (रसोई गैस) पर ही छूट दी जाती है। सार्वजनिक बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की योजना के बारे में मूडीज ने कहा, हमें उम्मीद है कि पुनर्पूंजीकरण न्यूनतम नियामकीय पूंजी जरूरतों की पूर्ति में पर्याप्त होगा पर यह ऋण वृद्धि को बढ़ाने में अपर्याप्त होगा। उसने कहा, बैंक सरकार के पुनर्पूंजीकरण की योजना के हिसाब से शेयर बाजारों से पूंजी जुटा नहीं पाए हैं। आपको बता दें कि मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस मूडीज कॉरपोरेशन की बॉण्ड-क्रेडिट की रेटिंग करने वाली कंपनी है और इसे संक्षेप में मूडीज़ कहा जाता है।

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