कठुआ दुष्कर्म: हाई कोर्ट से आरोपितों को नहीं मिली राहत

चंडीगढ़। कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दो आरोपियों द्वारा इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाए जाने की मांग पर सुनवाई करने से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। इस मामले में जम्मू और कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा आरोपित बनाए गए सांझी राम और उसके पुत्र विशाल जंगोत्रा द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार करते हुए हाई कोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर करने को कहा है।

हाई कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाए जाने की मांग करते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि जांच एजेंसी ने इस मामले में तथ्यों को दरकिनार करते हुए उन्हें आरोपियों में शामिल कर लिया। याचिका में विशाल जंगोत्रा ने कहा है कि वह मेरठ के मीरंपुर स्थित आकांक्षा कॉलेज में बीएससी (एग्रीकल्चर) का छात्र है और इस घटना के समय वह कठुआ में मौजूद नहीं था।

विशाल ने कहा कि 9 जनवरी, 2018 से 27 जनवरी, 2018 तक उसकी सेमेस्टर परीक्षाएं थी और उसके बाद उसकी प्रेक्टिल परीक्षाएं। याचिका के अनुसार, 12 जनवरी को उसने 10 बजे से 1 बजे तक फंडामेंटल्स ऑफ सॉइल साइंस और 15 जनवरी को एलिमेंट्स ऑफ जेनेटिक्स की परीक्षा दी थी।

उसने कहा है कि जांच एजेंसी ने उसके द्वारा दी गई परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं भी बरामद की थी, लेकिन ये मानते हुए उसे आरोपियों में शामिल कर लिया कि उसके द्वारा ये उत्तर पुस्तिकाएं बाद में दी गई। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसने 12 और 15 जनवरी को मेरठ में एक एटीएम से नगदी भी निकाली थी और परीक्षा केंद्र की सीसीटीवी फुटेज तथा बैंक एटीएम की सीसीटीवी फुटेज से भी उसकी मेरठ में मौजूदगी का साक्ष्य लिया जा सकता है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि जांच एजेंसी ने बैंक एटीएम और परीक्षा हॉल से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) में उपलब्ध फुटेज की जांच करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। अगर जांच एजेंसी उसके द्वारा दी गई इन जानकारियों की सीसीटीवी फुटेज से जांच कर लेती तो उसे निर्दोष पाती। विशाल के पिता सांझी राम पर इस मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप हैं। सांझी राम ने इस याचिका में कहा है कि उनके कॉल रिकॉर्ड में उन और किसी भी आरोपी पुलिस अधिकारी के बीच किसी टेलीफ़ोनिक वार्ता का रिकॉर्ड नहीं है।

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