हिदायतुल्ला मलिक निकला फिदायीन हमले का मास्टरमाइंड: जम्मु कश्मीर

दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों पर जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन की फिदायीन हमले की साजिश नाकाम कर दी गई।

सुरक्षाबलों ने राजपोरा इलाके के आयगुंड में 45 किलो आईईडी से लदी एक सेंट्रो कार को खोज निकाला और उसे उड़ा दिया।

आतंकियों ने कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थी। कार पर दर्ज नंबर कठुआ जिले के निवासी और श्रीनगर में तैनात बीएसएफ के एक जवान की मोटर साइकिल का है।

वहीं पुलिस के सूत्रों का कहना है कि जिस कार का इस्तेमाल आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था, वह दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के शरतपोरा गांव के रहने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी हिदायतुल्ला मलिक की है। आतंकी मलिक जुलाई 2019 से घाटी में आतंक फैला रहा है।

बता दें कि पुलिस को पहले से सूचना थी कि दोनों आतंकी संगठन एक साथ मिलकर बड़े फिदायीन हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं।

जानकारी यह भी थी कि आतंकी वर्ष 2019 में पुलवामा के लेथपोरा इलाके में सीआरपीएफ  के काफिले पर किए गए आत्मघाती हमले की तर्ज पर एक और हमले को अंजाम देने की साजिश में हैं।

पुलिस के कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार ने बताया कि पिछले कई दिन से सूचना मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद ने कार में आईईडी लगाकर वारदात को अंजाम देने की साजिश रची है।

इसी को लेकर बुधवार की देर शाम पुलवामा पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के जवानों ने नाका लगाया था।

इस दौरान कार सवार आतंकी नाके के पास पहुंचे। सुरक्षाबलों के रुकने का इशारा करने पर कार में सवार आतंकियों ने भागने की कोशिश की और फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला लेकिन आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।

वहीं सुबह कार इंटरसेप्ट किए जाने के बाद सुरक्षा बलों ने उसे तकनीकी रूप से निष्क्रिय कर दिया। बताया कि पुलिस अपने सभी ऑपरेशन ह्यूमन और टेक्निकल इंट दोनों के आधार पर कर रही है।

पुलिस इन दोनों पर गंभीरता से काम कर रही है जिसके चलते उसे कामयाबी हासिल हो रही है। इन दोनों के आधार पर ही रणनीति तैयार की जाती है ताकि आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम बनाया जा सके।

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