अब दिल्ली की मंडियों में पहुंचेगा हरियाणा का दूध-फल और सब्जी

हरियाणा के किसान अब दिल्ली की मंडियों में न केवल अपनी धाक जमाएंगे, बल्कि अपनी आय भी बढ़ाएंगे। इसके लिए सरकार ने एक खास योजना तैयार की है। फूलों के बाद हरियाणा के किसान अब दिल्ली में दूध, सब्जी, फल, मछली और अंडे की भी सप्लाई करेंगे।
अब दिल्ली की मंडियों में पहुंचेगा हरियाणा का दूध-फल और सब्जीइसके लिए पैरी अर्बन एग्रीकल्चर के अंतर्गत हरियाणा बागवानी विभाग ने कई योजनाएं तैयार की हैं। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के आसपास बसे प्रदेश के 12 जिलों में खेतीबाड़ी को दिल्ली की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। दिल्ली में जिन खाद्य पदार्थों की ज्यादा डिमांड होगी, इन जिलों में किसान उसी का उत्पादन करेंगे और उसे दिल्ली की मंडियों तक पहुंचाएंगे।

पहले चरण में 500 किसान किए जाएंगे तैयार
इस योजना के तहत पहले चरण में 500 किसानों को हॉर्टीकल्चर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट करनाल में ट्रेनिंग दी जाएगी। इन किसानों को जागरूक करते हुए बागवानी की एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें एक स्टडी के जरिए बताया जाएगा कि उनके निकटतम मेट्रो सिटी दिल्ली में इस वक्त लोगों की सबसे अधिक डिमांड क्या है। फिर किसानों को उसी मांग के अनुरूप खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। ये खेती भी विशेषज्ञों की निगरानी में करवाई जाएगी। उसके बाद किसानों को मार्केटिंग के गुर भी सिखाए जाएंगे।

तीन और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार
इसी योजना के अंतर्गत बागवानी विभाग ने इंडो-इस्त्राइल प्रोजेक्ट के तहत करनाल के घरौडा में उन्नत सब्जियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किया है। लेकिन इसके बाद अब सिरसा के मंगियाना व कुरुक्षेत्र के लाडवा में फलों के लिए और कुरुक्षेत्र में ही मधुमक्खी पालन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किए जा रहे हैं। इन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में फलों और  शहद की एडवांस खेती होगी और किसानों को बड़ा फायदा होगा। इसके अतिरिक्त  दिल्ली के आसपास के जिलों में डेयरी पालन और मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

हरियाणा सरकार बागवानी को लेकर गंभीर है। ताकि किसानों को मुनाफे वाली फसलों के प्रति प्रेरित किया जाए। इसके लिए पैरी अर्बन एग्रीकल्चर के तहत बागवानी की गई योजनाएं तैयार की गई है। दिल्ली के आसपास के जिलों में किसानों को दिल्ली की जरूरत के हिसाब से खेती करने को प्रेरित किया जा रहा है। निसंदेह इस योजना से किसानों की आय काफी बढ़ेगी। करोड़ों रुपये की लागत से ऐसे किसानों को विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जांएगी।
– बीएस सहरावत, मिशन डायरेक्टर, हरियाणा बागवानी विभाग

 
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