हरियाणा के इस खतरों के खिलाड़ी ने दी लीवर कैंसर को मात, अब एवरेस्ट पर फहराएंगे तिरंगा
शाहाबाद। सकारात्मक सोच और मानसिक रूप से सशक्त व्यक्ति अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बड़ी से बड़ी मुश्किल से भी पार पा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उपमंडल के गांव बीबीपुर निवासी एवरेस्ट विजेता नरेंद्र ने।
वर्ष 2011 में एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने और वहां करीब एक घंटा बिना आक्सीजन रुककर रिकार्ड बनाने वाले नरेंद्र को पिछले वर्ष सितंबर माह में लीवर कैंसर हो गया था। मगर नरेंद्र ने इस बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया बल्कि पूरी दृढ़ता के साथ इस बीमारी का सामना किया।
दिल्ली में उपचार करवाने के साथ ही उसने प्रतिदिन योग किया और करीब सात माह के संघर्ष के बाद लीवर कैंसर को मात दे दी। अब नरेंद्र स्वस्थ होकर अपने नए लक्ष्य की ओर चल दिया है। हालांकि चिकित्सकों ने नरेंद्र को एक वर्ष तक पर्वतारोहण से दूर रहने को कहा है, लेकिन नरेंद्र फिर से एवरेस्ट फतह करने जा रहे हैं।
चीन की तरफ से एवरेस्ट फतह करेंगे
पत्रकारों से बातचीत में नरेंद्र ने बताया कि कैंसर को मात देने के बाद अब उनका नया लक्ष्य चीन की तरफ से एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराना है। इसके लिए वह पूरी तैयारी कर रहे हैं और जल्द ही अपने इस लक्ष्य की ओर कूच कर देंगे। नरेंद्र अपनी सफलताओं का श्रेय अपनी पत्नी रेखा, भाई लवराज धर्मशक्तू, ललित बिष्ट को देते हैं, जिन्होंने पल-पल उनका मार्गदर्शन किया।
सियाचिन से दिल्ली तक पदयात्रा कर लोगों को कैंसर के प्रति करेंगे जागरूक
नरेंद्र ने कहा कि वह जल्द ही सियाचिन से दिल्ली तक 1270 किलोमीटर की पैदल यात्रा करेंगे। 22 दिन की इस यात्रा के दौरान वह लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करेंगे। वह लोगों को बताएंगे कि योग से कैंसर जैसी बीमारयिों को भी चित किया जा सकता है।
नरेंद्र की उपलब्धियां
- वर्ष 2011 में एवरेस्ट करने के अलावा बिना आक्सीजन वहां एक घंटा रुकने पर वर्ल्ड रिकॉर्डस यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2013 में डाक्टरेट की मानद उपाधि से अलंकृत किया।
- वर्ष 2016 में ग्रेड आइसलैंड गोवा, तत्पश्चात 2017 में नेतरानी आइसलैंड कर्नाटक में समुद्र की सतह पर साइकिल चलाकर एशियन रिकार्ड बनाया। एशिया बुक व लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ। नेशनल एडवेंचर क्लब ऑफ इंडिया ने भारत गौरव के अवार्ड से अलंकृत किया।
- वर्ष 2012 में यूरोप के सर्वोच्च शिखर माऊंट एलब्रुस पर तिरंगा फहराया।
- वर्ष 2008 में हरियाणा सरकार ने राज्यपाल अदम्य साहस पुरस्कार दिया।