हरियाणा सरकार करेगी बेटियों की चिंता, किशोरी शक्ति योजना लागू

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार अब बेटियों की चिंता करेगी और उनको सशक्‍त बनाएगी। सरकार ने स्कूल न जाने वाली 11 से 14 साल की लड़कियों को शिक्षित बनाने, उनके खुद के पैरों पर खड़ा करने तथा सशक्त बनाने के उद्देश्य से किशोरी शक्ति योजना लागू की है। पहले यह योजना सिर्फ छह जिलों के लिए थी, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस योजना का नाम राजीव गांधी योजना (सबला) था।हरियाणा सरकार करेगी बेटियों की चिंता, किशोरी शक्ति योजना लागू

पहले इसे छह जिलों अंबाला, यमुनानगर, रोहतक, रेवाड़ी, कैथल और हिसार में इसे शुरू किया गया था। इसके बाद मनोहरलाल सरकार ने इस योजना का नाम बदलते हुए दायरा पूरे राज्य में बढ़ा दिया है। यह योजना आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से आंगनबाड़ी सेवाओं के मंच का उपयोग करते हुए लागू की जाएगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन के अनुसार, मुख्यमंत्री मनोहरलाल के किशोरी शक्ति योजना का दायरा बढ़ाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारियों (डीपीओ) को सर्वेक्षण करने और लाभार्थियों की संख्या के बारे में सही जानकारी देने को कहा है, ताकि इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भेजी जा सके। योजना के तहत किशोरियों को उचित पोषाहार देने, उनके स्वास्थ्य में सुधार, स्वच्छता, औपचारिक स्कूली शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक जागरूकता का प्रावधान शामिल है।

कविता जैन के अनुसार योजना में 11 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की स्कूल न जाने वाली सभी लड़कियां पूरक पोषाहार की हकदार होंगी। उन्हें एक वर्ष में 300 दिनों के लिए 600 कैलोरी, 18 से 20 ग्राम प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान किए जाएंगे। उन्हें घर ले जाने के लिए खाना अथवा मौके पर ही पका हुआ भोजन भी दिया जाएगा। एक दिन की खुराक करीब साढ़े नौ रुपये की पड़ेगी। उन्होंने बताया कि इन बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने पर सालाना एक लाख रुपये तक खर्च किए जाएंगे।

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