हरियाणा सरकार 4654 कर्मचारियों की नौकरी बचाने को जाएगी सुप्रीम कोर्ट

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में बनी नियमितीकरण पालिसियां रद कर दिए जाने के बाद अब भाजपा सरकार बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में है। हाईकोर्ट के निर्णय से 4654 कर्मचारी प्रभावित हुए हैैं, जिनकी नौकरी पर तलवार लटकी हुई है। राज्य सरकार अब इन कर्मचारियों के हक में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। प्रभावित कर्मचारियों को भी न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का सुझाव दिया गया है।हरियाणा सरकार 4654 कर्मचारियों की नौकरी बचाने को जाएगी सुप्रीम कोर्ट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने झज्जर में रविवार को संकेत दिए कि हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है। हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन को इसके लिए तैयारी करने के संकेत दे दिए गए हैैं। हालांकि एडवोकेट जनरल के पास अभी तक वह डाटा नहीं पहुंचा है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट में इन कर्मचारियों की पैरवी होगी।

हरियाणा सरकार ने 31 मई को सभी विभागाध्यक्षों व जिला उपायुक्तों को परिपत्र भेजकर पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में बनी पालिसियों के तहत नियमित हुए कच्चे कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा था। अभी तक उपलब्ध सूचना के आधार पर 4654 कर्मचारी नियमित हुए हैैं। अलग-अलग पालिसी के तहत द्वितीय श्रेणी के 257 कर्मचारी, तृतीय श्रेणी के 1736 कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी के 550 कर्मचारी नियमित हुए थे। इन कर्मचारियों की संख्या 2543 है।

नवंबर 2014 में लागू हुई नियमितीकरण पालिसी के तहत 2111 कर्मचारी नियमित किए गए थे। इनमें सभी कर्मचारी तृतीय श्रेणी के शामिल हैैं। सबसे अधिक 1903 कर्मचारी शहरी निकाय विभाग के नियमित हुए थे, जबकि 122 कर्मचारी आबकारी एवं कराधान विभाग, 32 तकनीकी शिक्षा और 31 कर्मचारी जिला उपायुक्त कार्यालय भिवानी के नियमित किए गए थे।

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