खुश खबरी: अब सरकार देगी 24 घंटे बिजली पाने का अधिकार, ऐसा न किया तो कंपनियों को भरना होगा जुर्माना

शिक्षा और सूचना का अधिकार के बाद अब सरकार लोगों को सप्ताह के सातों दिन लगातार 24 घंटे बिजली पाने का कानूनी अधिकार देगी। अगले साल 2019 के 31 मार्च के बाद डिस्कॉम और विद्युत वितरण कंपनियों के लिए हाल में 24 घंटे की विद्युत आपूर्ति करना कानूनी रूप से बाध्यकारी होगा। ऐसा नहीं करने पर इन कंपनियों को भारी जुर्माना चुकाना होगा। इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से पहले सरकार विद्युत व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए विभिन्न मदों में 172000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 
लोकसभा में विद्युत मंत्री आरके सिंह ने कहा कि 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति पर कड़ा कानून बनाने पर सभी राज्य सहमत हैं। सरकार ने मार्च 2019 के बाद विद्युत आपूर्ति को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसमें विद्युत वितरण कंपनियों और डिस्कॉम के पास महज तकनीकी परेशानी के कारण ही आपूर्ति रोकने का विकल्प होगा। 

सिंह ने बताया कि इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से पहले सरकार विद्युत वितरण व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने के लिए व्यापक तैयारी कर रही है। व्यवस्था में सुधार के तहत विद्युत सब स्टेशन बनाने, फीडर अलग-अलग करने, पर्याप्त संख्या में ट्रांसफार्मर लगाने, फीडर-ट्रांसफार्मर की मीटरिंग, अलग-अलग एलटी लाइन के निर्माण के मद में 175000 करोड़ रुपये खर्च करने का फंड बनाया है। 

दिसंबर 2018 तक घाटे को कम करने के लिए टैरिफ नीति में बदलाव लाया जाएगा। इसके तहत जनवर 2019 के बाद 15 फीसदी से अधिक घाटे को टैरिफ में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे में दिसंबर 2018 तक घाटे को हर हाल में 15 फीसदी से कम रखना होगा। 

अप्रैल 2018 तक सभी गांवों में बिजली 
दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना के तहत सरकार सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य के करीब है। करीब 18000 विद्युतरहित गांवों में से 15000 गांवों तक बिजली पहुंचा दी गई है। सरकार का इरादा मार्च महीने तक ही शेष 3000 गांवों में बिजली पहुंचाने की है। 

 
 
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