Pics: गोल्डन टेंपल में हाथ जोड़े, पीली पगड़ी पहने दिखे ब्रेट ली, बेली रोटियां

दुनिया के मशहूर क्रिकेटर ब्रेट ली हाथ जोड़े, पीली पगड़ी पहने गोल्डन टेंपल में नजर आए। उन्होंने यहां लंगर की सेवा भी की। इसके बाद ब्रेट ली के सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे पंजाब के रंग में रंगे नजर आए। इस वीडियो में ब्रेट ली सरदार के रूप में दिखाई दे रहे हैं। ब्रेट ली ने वीडियो की शुरुआत अपने फैंस को सत श्री अकाल बोल कर की।Pics: गोल्डन टेंपल में हाथ जोड़े, पीली पगड़ी पहने दिखे ब्रेट ली, बेली रोटियां

ब्रेट ली ने इस वीडियो में पंजाब की जमकर तारीफ की है और उन्होंने कहा पूरे विश्व में कहीं भी घूम लो, लेकिन भारत जैसा दूसरे देश कहीं भी नहीं होगा। ब्रेट ली संन्यास लेने के बाद से ही लगातार भारत में किसी न किसी कार्यक्रम के साथ जुड़े रहते हैं। इन्होंने बॉलीवुड फिल्म में भी काम किया है। भारतीय दर्शक भी उन्हें काफी पसंद करते है। ब्रेट ली को भी आजकल ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा भारत रास आ रहा है।Pics: गोल्डन टेंपल में हाथ जोड़े, पीली पगड़ी पहने दिखे ब्रेट ली, बेली रोटियां

बता दें कि ब्रेट ली अमृतसर के दौरे पर हैं। गोल्डन टेंपल से पहले वे श्री गुरु रामदास यूनिर्वसटी आफ हैल्थ में पहुंचे। वह यहां न्यूबोर्न हियरिंग स्क्रीनिंग यूएनएचएस कार्यक्रम के संदर्भ में जागरूकता सेमिनार में शामिल होने आए थे। यहां उन्होंने अपनी जिंदगी का वो राज खोला, जिसे सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं। यहां उन्होंने अपने संबोधन में अपनी जिंदगी से जुड़ी एक दर्दनाक घटना का उल्लेख किया।

ब्रेट ली ने बताया कि जिंदगी में एक बार उनके सामने ऐसा वक्त भी आया, जब वे बेबस हो गए थे। इसकी वजह था, उसका बेटा प्रेस्टन। प्रेस्टन जब पांच वर्ष का था तो ऊंचाई से गिरने की वजह से उसके सिर पर गंभीर चोट लग गई थी। इस हादसे में उसके एक कान की हड्डी क्षतिग्रस्त हुई। सिर की चोटों का तो उपचार हो गया, लेकिन उसके सुनने की क्षमता चली गई। बात करने पर भी वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। ब्रेटली ने कहा यह उनकी जिंदगी का बहुत ही दर्दनाक वक्त था।

ब्रेट ली ने बताया कि प्रेस्टन की सुनने की शक्ति आठ माह बाद अचानक अपने आप लौट आई। तब मैंने सोचा कि सुनने की क्षमता कितनी जरूरी है और इसके न होने से दुनिया में न जाने कितने लोग दर्द झेल रहे होंगे। मुझे लगा कि ऐसा दर्द झेलने वालों के लिए कुछ किया जाना चाहिए। इस दिशा में काम करते हुए ही उन्होंने अवेयरनेस प्रोगाम की शुरुआत की।

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