आईए जानें कब से शुरू हो रहा गुरु पुष्य योग…

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन इस वर्ष के दूसरे गुरु पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि यह योग 25 मई 2023, गुरुवार के दिन सुबह 05:26 से शाम 05:55 तक रहेगा। धार्मिक मान्यता है कि गुरु पुष्य योग में पूजा-पाठ, स्नान, दान और खरीदारी करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में गुरु पुष्य योग के सन्दर्भ में कुछ नियम और विधि बताए गए हैं, जिनका पालन करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

गुरु पुष्य योग पूजा विधि

ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि गुरु पुष्य योग  के दिन पीले रंग का वस्त्र जरूर धारण करें। साथ ही हो सके तो नहाते समय पानी में एक चुटकी हल्दी जरूर मिला लें। स्नान-ध्यान के बाद विधिवत देवी-देवताओं की उपासना करें और दीप प्रज्वलित करें। जो लोग गुरुवार का व्रत रखते हैं, वह इस दौरान व्रत का संकल्प लें। फिर प्रदोष काल में घी का दीपक जलाएं और कनक धारा यंत्र की विधि-विधान से पूजा करें। इस दौरान पीला फूल, हल्दी, धूप-दीप इत्यादि अर्पित करें। अंत में कनक धारा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।

गुरु पुष्य योग के नियम

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि गुरु पुष्य योग के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। इस दिन को पूजा-पाठ अथवा कोई नया काम शुरू करने के लिए इस दिन को शुभ माना जाता है। लेकिन इस योग की अवधि में विवाह न करें। इसका प्रभाव पूरे वंश पर पड़ता है।

गुरु पुष्य योग में इन कर्यों से मिलता है लाभ

गुरु पुष्य योग को धनतेरस के समान फलदायी माना जाता है। इसलिए इस दिन सोना-चांदी, घर, जमीन, वाहन इत्यादि की खरीदारी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर निवेश करने से भी विशेष लाभ मिलता है।

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