GST लागू होने के पहले 6 माह में कार्रवाई में मिल सकती है छूट, व्यापारियों ने रखी डिमांड

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू होने के बाद पहले छह महीनों तक किसी गलती पर होने वाली कार्रवाई को लेकर सरकार का रुख नरम रह सकता है। हालांकि व्यापारियों का कहना हैGST लागू होने के पहले 6 माह में कार्रवाई में मिल सकती है छूट
कि सरकार को कम से कम से एक साल तक जीएसटी संबंधी गलती होने पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। जीएसटी के तहत कुछ गलतियों पर जुर्माने तो कुछ पर कैद तक का प्रावधान रखा गया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में 1 जुलाई से जीएसटी पूरी तरह से लागू हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक व्यापारियों की तरफ से जीएसटी प्रणाली के तहत गलती पर आरंभ में राहत देने की मांग की गई है और सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से कहा है कि 1 जुलाई से 31 मार्च, 2018 तक की अवधि को अंतरिम काल घोषित किया जाए और कर पालन में हुई किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए व्यापारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। कैट ने जीएसटी काउंसिल से आग्रह किया है कि फैब्रिक अभी तक कर मुक्त था, इसलिए फैब्रिक के व्यापारियों को कर प्रणाली की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में फैब्रिक के कारोबारियों को एक साल का समय दिया जाए ताकि वे कर प्रणाली को समझ सकें और जीएसटी प्रणाली के नियमों का सही से पालन कर सकें।

कैट ने सरकार से यह भी मांग की है कि प्रयोग की गई खाली बोतलों जैसे स्क्रैप व रिसाइकिल वस्तुओं को 12 फीसदी, वॉशिंग सोप (साबुन), लांड्री सोप और टॉयलेट सोप को 18 फीसदी स्लैब में से निकाल कर कम दर में डाला जाए। कैट ने जीएसटी काउंसिल से यह भी आग्रह किया है कि ई-वे बिल एवं एचएसएन कोड को फिलहाल 6 महीनों के लिए स्थगित रखा जाए क्योंकि बड़ी मात्रा में व्यापारी इससे अनभिज्ञ हैं और इस प्रक्रिया को समझने एवं उसका पालन करने के लिए उनको थोड़ा समय दिया जाना अच्छा होगा।

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जीएसटी के लिए भारतीय कंपनियां तैयार: सीआईआई
उद्योग संगठन सीआईआई ने कहा है कि भारतीय कंपनियां 1 जुलाई से जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए तैयार हैं। इसका कारण है कि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और निर्यात विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि जीएसटी को सहयोगात्मक और मंत्रणात्मक प्रयासों के बाद अंतिम रूप मिला है और हम इसके लागू होने के लिए तैयार हैं। उद्यमों को नए नियमों के अनुपालन में सक्षम बनाने के लिए सीआईआई देशभर में 100 से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। इन कार्यशालाओं के लगभग 5,000 उद्यमों तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा एक हेल्पलाइन भी स्थापित की गई है, जहां कार्यशालाओं में भाग लेने वाले लोग स्पष्टीकरण का अनुरोध कर सकते हैं। जीएसटी से जुड़ी प्रक्रियाओं के बारे में उद्योग को सूचित करने के लिए एक जागरूकता अभियान भी लांच किया गया है।

 
 
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