सरकार का बड़ा कदम: आईपीओ के साथ शेयर बाजार में उतर सकती है एयर इंडिया 

एयर इंडिया की 76 फीसदी रणनीतिक हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव पर कोई लिवाल नहीं मिलने के बाद सरकार अब कर्ज में डूबी इस कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रही है। एक सरकारी सूत्र ने बुधवार को यह बात कही। सूत्र के मुताबिक विभिन्न विकल्पों पर विचार हो रहा है, जिसमें कंपनी को बाजार में सूचीबद्ध करने की संभावना भी शामिल है। कंपनी को सूचीबद्ध करने से जहां पूंजी की उगाही होगी, वहीं सरकार का नियंत्रण भी बना रहेगा।सरकार का बड़ा कदम: आईपीओ के साथ शेयर बाजार में उतर सकती है एयर इंडिया 

कंपनी को सूचीबद्ध करने पर इसलिए भी विचार हो रहा है क्योंकि खबरों के मुताबिक विनिवेश पश्चात कंपनी में सरकार द्वारा 24 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रखा जाना संभवित खरीदारों के लिए चिंता का विषय है। एयर इंडिया की प्रस्तावित विनिवेश योजना के तहत करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज कंपनी पर रह जाएगा। एयर इंडिया पर मार्च 2017 तक करीब 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। एजेंसी

स्वदेशी जागरण मंच का सूचीबद्ध करने पर जोर

एयर इंडिया के विनिवेश प्रस्ताव का कंपनी के कर्मचारियों के विभिन्न यूनियन विरोध कर रहे हैं। आरएसएस से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) कंपनी का प्रथम सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने पर जोर दे रहा है। एयर इंडिया के लिए बोली (ईओआई) जमा करने की आखिरी तारीख बीतने और कोई लिवाल नहीं मिलने के तुरंत बाद एसजेएम के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा था कि एयर इंडिया को बचाने और इसके सक्षम संचालन की जरूरत है। 

उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि इसे विदेशी धन पतियों से बचाने, संचालकों की गोलबंदी से बचाने, नौकरशाही को दूर हटाकर सक्षम प्रबंधन लाने और इसे एक राष्ट्रीय विमानन कंपनी बनाए रखने की जरूरत है। यह सभी कुछ रणनीतिक बिक्री से नहीं, बल्कि आईपीओ लाने से होगा।

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