सरकारी संपत्ति को बेचने के लिए सरकार ने तैयार किया नया प्रोग्राम, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण…

सरकारी संपत्ति को बेचने के लिए सरकार नया प्रोग्राम तैयार की है. सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम की शुरुआत करने जा रही हैं. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन केंद्र सरकार के 4 साल की योजनाओं के हिसाब से बनी एक योजना है. NMP में मोदी सरकार ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट से पैसे जुटाने की कोशिश कर रही है. निवेशकों को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) की मदद से किसी प्रोजेक्ट के बारे में साफ तस्वीर मिल सकेगी. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन वास्तव में सरकार के एसेट मोनेटाइजेशन इनीशिएटिव के हिसाब से मध्यम अवधि का एक रोड मैप कहा जा सकता है.

इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए पैसे

केंद्र सरकार ने साल 2021-22 के बजट में एसेट मोनेटाइजेशन पर काफी जोर देने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार कोरोना संकट के इस दौर में पैसे की तंगी से जूझ रही है. मोदी सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस जुटाने के नए नए रास्ते तलाश रही है

NMP बुक होगी रिलीज

नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन बुक नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ राजीव कुमार की मौजूदगी में जारी किया जाएगा. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अमिताभ कांत और कई सरकारी मंत्रालय के सचिव भी मौजूद रहेंगे. जिन मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनियों की संपत्ति को बेचकर पैसे जुटाए जाने की योजना है, उन सभी मंत्रालय के सचिव इस मौके पर मौजूद रहेंगे.

छह लाख करोड़ जुटाने की योजना

राष्ट्रीय राजमार्ग, पावर ग्रिड पाइपलाइन समेत छह लाख करोड़ रुपये की बुनियादी संपत्तियों के मुद्रीकरण की योजना को मोदी सरकार अंतिम रूप दे रही है. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांता पांडे ने कहा, ‘करीब छह लाख करोड़ रुपये की संपतियों के लिये वित्तीय संसाधन जुटाने के वास्ते राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना पर काम चल रहा है. इसमें पाइपलाइन, पावर ग्रिड पाइपलाइन से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग की कई तरह की संपत्तियां शामिल हैं.’

बेहतर बनेंगे इन्फ्रास्ट्रक्चर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में दरअसल नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक बुनियादी ढांचा संपत्ति का मुद्रीकरण एक बहुत महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प बताया था. सरकार संपत्तियों के मुद्रीकरण को केवल वित्तपोषण का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ढांचागत परियोजनाओं के रखरखाव और विस्तार की बेहतर रणनीति के तौर पर देख रही है.

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