ताजमहल के आसपास के उद्यानों को दिया जाएगा मुगलकालीन लुक, राष्ट्रपति और पीएम लगाएंगे मुहर

अगले हफ्ते दुनिया के दो प्राचीन और ऐतिहासिक शहर आगरा और समरकंद सिस्टर सिटी बन जाएंगे। भारत के पहले दौरे पर आ रहे उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में होने वाली वार्ता में इस समझौते पर मुहर लगेगी। इस करार के तहत उज्बेकिस्तान ताजमहल केआसपास के प्राचीन उद्यानों को फिर से मुगलकालीन लुक देंगे। इसके अगला फतेहपुर सिकरी, सिकंदरा स्थिति मुगलकालीन स्मारकों और यादों को नए सिरे से सहेजने में मदद देंगे। 

उज्बेकिस्तान के राष्टरपति के विशेष दूत के तौर पर भारत आए इहोम नेमातोव ने कहा कि दोनों ही प्राचीन शहरों के ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। दोनों ही प्राचीन शहर मुगलकालीन गौरवशाली इतिहास के प्रतीक चिन्ह हैं। ताजमहल केआसपास केमुगलकालीन उद्यानों का जन्म समरकंद में हुआ था। 

ताजमहल बनाने में समरकंद और ताशकंद के कारीगरों ने भी अपनी भूमिका निभाई थी। दोनों ही शहरों में मुगलकालीन वास्तुशिल्प के कई अद्भुत प्रतीकों की दुनिया दीवानी है। इस करार केतहत दोनों ऐतिहासिक शहर मुगलकालीन धरोहरों के रखरखाव, नया लुक देने सहित विभिन्न पहलुओं पर एक दूसरे का साथ देंगे। बकौल इहोम उज्बेकिस्तान और भारत इस दिशा में लंबे समय से प्रयासरत थे। खुशी की बात है कि आगरा और समरकंद को जुड़वा शहर या सिटी सिस्टर के रूप में स्वीकार करने केलिए अब दोनों देश सहमत हैं। 
 
गौरतलब है कि उज्बेकिस्तान ताशकंद-दिल्ली, बुखारा-हैदराबाद के बीच भी सिस्टर सिटी करार चाहता है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति शौकत के बीच होने वाली वार्ता में यह मामला भी आएगा। इसके अलावा उज्बेकिस्तान कृषि उत्पादों का भारत में निर्यात बढ़ाना चाहता है, इसके एवज में वह भारत से सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की सहायता चाहता है। 

अफगानिस्तान मामले में भी पेशकश 

नेमातोव ने कहा कि उज्बेकिस्तान यूएन में भारत की स्थाई सदस्यता, आतंकवाद के सवाल पर भारत केसाथ है। हमने अफगानिस्तान में स्थिरता और शांति बहाली केलिए भी भारत केसमक्ष सहयोग का प्रस्ताव रखा था। द्विपक्षीय वार्ता में यह भी अहम मुद्दा होगा। 

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