कुंभ के दौरान गंगा-यमुना में मिलेगा अविरल-निर्मल जल : सीएम योगी

इलाहाबाद : कुंभ के कार्यो की प्रगति देखने आए शनिवार को प्रयाग पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान गंगा और यमुना में अविरल तथा निर्मल जल मिलेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में स्वस्ति वाचन व जयघोष के बीच शाही स्नान की तिथियों की घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि गंगा और यमुना में मिलने वाली किसी भी नदी में कोई कचरा नहीं जाने दिया जाएगा।कुंभ के दौरान गंगा-यमुना में मिलेगा अविरल-निर्मल जल : सीएम योगी

सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री ने कहा कि शाही स्नान की ये तिथियां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अनुमोदन के बाद घोषित की जा रही हैं। इसके अलावा अन्य प्रमुख स्नान पर्वो पौष पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा तथा महाशिवरात्रि पर भी कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं तथा कल्पवासियों के लिए अभूतपूर्व आयोजन होने जा रहा है जो भारत का एक भव्य एवं दिव्य आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान गंगा-यमुना में जो जल आएगा, वह अत्यंत शुद्ध होगा। कुंभ के आयोजन के दौरान गंगा, यमुना तथा उनकी सहायक नदियों में कोई कचरा नहीं प्रवाहित होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस बार 15 दिसंबर 2018 से 15 मार्च 2019 के बीच कुंभ के दौरान देश के छह लाख गावों के लोग इस आयोजन में पधारेंगे तथा इस उत्सव को देखने के लिए दुनिया के 192 देशों के लोग भी इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि न केवल मेला क्षेत्र में बल्कि पूरे प्रयागराज में कहीं गंदगी न रहे। हर चौराहा विशिष्ट सास्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजार रहे। अभी से संगम तट को स्वच्छ रखने की व्यवस्था की जाए। प्रयागराज में जितने भी धर्मस्थल हैं, उनके विकास की योजना इस तरह बनायी जाए कि उनको देखकर हर पर्यटक और तीर्थयात्री को कुंभ की दिव्यता का आभास हो।

सीएम योगी ने मेला क्षेत्र में 15 लाख शौचालय बनाने की घोषणा की। कहा कि इस बड़े आयोजन में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए यहा के लोगों के साथ यहा के प्रशासनिक अमला और साधु-संतों को भी जागरूक रहना होगा। प्रशासन सुरक्षा की हर व्यवस्था कर रहा है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े, इसके लिए पार्किग स्थल मेला क्षेत्र के पांच किमी के दायरे में ही हो। उन्होने प्रशासन से कहा कि सभी विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय से पूरा किया जाए। कार्यक्रम के शुरू में मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा संत-महात्माओं का पुष्प एवं अंगवस्त्र से सम्मान किया गया।

बैठक तथा निरीक्षण के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य, चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना एवं स्टांप-पंजीयन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी मौजूद रहे।

अखाड़ा परिषद ने की सराहना

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने प्रशासन की कार्यशैली सराहना की। मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा जिस तरह संगम तट पर सभी को रोशनी, सुरक्षा तथा घाटों का इंतजाम किया गया है, वह अभूतपूर्व है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री ने इसकी प्रशसा की। कहा कि मेला में कार्यरत अधिकारियों को मेला अवधि तक किसी विशेष कारण के अलावा स्थानांतरित न किया जाए, क्योंकि किसी नए अधिकारी के आने पर उसे कार्य को समझने में अधिक समय लग जाता है। कुंभ मेलाधिकारी ने दिया प्रजेंटेशन

बैठक में मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कुंभ मेला में की जा रही उत्तम व्यवस्थाओं की जानकारी प्रेजेटेंशन के माध्यम से दी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 2019 के कुंभ में कई और अभूतपूर्व एवं नवीन कार्य कराए जा रहे हैं। इलाहाबाद में स्थित आठ अखाड़ा परिसरों में कमरे एवं मूलभूत सुविधाएं, शौचालय, स्नानागार आदि के निर्माण का कार्य चल रहा है। बारह माधव मंदिर पंचकोसी परिक्रमा के पहुंच मार्गो के नवीनीकरण एवं शेष भाग के चौड़ीकरण का कार्य व विद्युतीकरण किया जा रहा है। पेशवाई मार्ग पर स्थित पुरानी एलटी लाइन के खुले तार को एरियर बंच कंडक्टर से बदलने का कार्य किया जा रहा है। मौजगिरि जूना अखाड़े के पास यमुना तट पर, गंगा नदी के बाएं छतनाग, नागेश्वर मंदिर के सामने नए पक्के घाटों का निर्माण किया जा रहा है। फाफामऊ से अरैल तक नदी के किनारे 15 किमी की लंबाई में अस्थायी घाटों का निर्माण प्रस्तावित है। इस बार कुंभ में किए जा रहे नए महत्वपूर्ण कार्यो में मेला क्षेत्र में विशाल गंगा पंडाल तथा सत्संग पंडालों की स्थापना भी है। गंगा पंडाल में एक साथ 10,000 श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था रहेगी। यहां प्रतिदिन आध्यात्मिक, धार्मिक, सास्कृतिक कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। पंडाल में भव्य मंच, गेट, विद्युत व्यवस्था एलईडी स्क्रीन, ध्वनियंत्र आदि की व्यवस्था होगी। मेला क्षेत्र में तीन सत्संग पंडाल का निर्माण किया जाएगा, जिसमें कम से कम 2000 से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था रहेगी। ये पंडाल उत्तरी झूंसी, दक्षिणी झूंसी एवं अरैल में होंगे। मेला में विविध सास्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, कला, संगीत वृत्त चित्र, प्रदर्शनी आदि का आयोजन किया जाएगा। सभी सेक्टरों में मेला की विषय वस्तु पर आधारित द्वार का निर्माण कराया जाएगा। मेला क्षेत्र में कुंभ की थीम पर आधारित लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। पर्यटकों को प्रयाग का पौराणिक, ऐतिहासिक महत्व बताने के लिए ‘टूरिस्ट वॉक’ का आयोजन किया जा रहा है। संगमनगरी के प्रमुख स्मारकों पर फसाड लाइटिंग की तैयारी चल रही है। विभिन्न सास्कृतिक संस्थानों द्वारा संगीत उत्सव, फोटोग्राफी, कला प्रदर्शनी आदि का आयोजन प्रस्तावित है। कुंभ में विश्व के कई देशों के प्रतिनिधियों का भ्रमण भी प्रस्तावित है। इसके मद्देनजर सभी 20 सेक्टरों में 20 हजार श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए पहली बार यात्री निवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें पेयजल, विद्युत, शौचालय जैसी सुविधाएं होंगी।

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