अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद खुराना ने बताया कि कुछ वक्त पहले 38 वर्षीय महिला सुनीता पेट में दर्द की तकलीफ को लेकर अस्पताल आईं थीं। उन्हें बार बार पीलिया की शिकायत भी थी। सीटी स्कैन किया गया तो देखने को मिला कि सुनीता की पित्त वाहिक (बाइल डक्ट जो लिवर को आंतों से जोड़ती है) में कृमियों की मौजूदगी का पता चला। तब मरीज की एंडोस्कोपिक प्रक्रिया (ईआरसीपी) की गई जिससे वाहिका में कई गोल कृमियों का पता चला, हर कृमि का आकार करीब 15 से 20 से.मी. था। उन्होंने बताया कि आंतों में कृमियों का पाया जाना आम है लेकिन बाइल डक्ट में ये अमूमन नहीं पाए जाते। भारत में कृमियों के मामले आम हैं क्योंकि डीवर्मिंग के लिए दवाएं लेना आम नहीं है।