साढ़े चार सौ साल पहले लगा था ऐसा चन्द्रग्रहण, जो आज से इन राशियों वालों के लिए बनेगा खतरनाक

27 जुलाई 2018 को लगनेवाला चंद्रग्रहण रात मध्य रात्रि में 11 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक प्रारंभ हो जाता है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। वहीं, ग्रहण काल के दौरान कई कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है। कई संयोगों के साथ ही इस ग्रहण की खासियत यह होगी कि यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा।

चंद्रग्रहण का आरंभ

रात 11 बजकर 55 मिनट पर हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार चन्द्रग्रहण का सूतक ग्रहण आरंभ होने से 9 घंटे पहले लगता है जबकि सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगता है। इस नियम के अनुसार, 27 जुलाई की मध्यरात्रि को पड़नेवाले चंद्रग्रहण का सूतक 27 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से लग जाएगा। जो भी धार्मिक कार्य करने हों, उन्हें सूतक काल लगने से पहले ही पूर्ण कर लें।
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। यह एक दिव्य संयोग माना जा रहा है। इससे पूर्व 16 साल पहले वर्ष 2000 में ऐसा संयोग बना था। इस अवसर पर स्नान और दान-पुण्य का लाभ सामान्य दिनों से कई गुना अधिक प्राप्त होगा। शास्त्रों के दिशानिर्देश के अनुसार, ग्रहण के मौके पर दान करने के लिए सबसे उत्तम समय वह माना गया है, जब ग्रहण का मोक्ष काल समाप्त हो जाता है।
यानी ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करना चाहिए। इस नियम के अनुसार, 27-28 जुलाई की रात को पड़नेवाले ग्रहण का समाप्ति काल 28 तारीख की सुबह 3 बजकर 49 मिनट पर है। ऐसे में सुबह स्नान के बाद ग्रहण का दान देना अति शुभ फलदायी होगा।
ग्रहण के दिन गुरु पूर्णिमा भी है। इसलिए गुरु पूजन और इससे जुड़े सभी धार्मिक कार्य जैसे गुरु दीक्षा और मंत्र ग्रहण इत्यादि दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से पहले कर लेना ही सही होगा।
क्‍या होता है ब्‍लड मून
चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल दिखता है जिसे ब्लड मून अर्थात रक्तिम चांद कहा जाता है। दरअसल, पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चांद जब धरती की छाया में रहता है तो इसकी आभा रक्तिम हो जाती है जिसे रक्तिम चंद्र या लाल चांद कहते हैं। ऐसा तब होता है जब चांद पूरी तरह से धरती की आभा में ढक जाता है। ऐसे में भी सूरज की ‘लाल’ किरणें ‘स्कैटर’ होकर चांद तक पहुंचती है।

एक नजर में चंद्रग्रहण का समय

ग्रहण का स्पर्श कालः रात 11 बजकर 54 मिनट
खग्रास आरंभः रात 12 बजे
ग्रहण मध्यः 1 बजकर 52 मिनट
खग्रास समाप्तः 2 बजकर 43 मिनट
ग्रहण मोक्षः 3 बजकर 49 मिनट

चन्द्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा को लगने वाला यह चन्द्र ग्रहण खग्रास चन्द्र ग्रहण होंगा।

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खगोलविदों के मुताबिक, यह चन्द्र ग्रहण सदी का सबसे लम्बा चन्द्र ग्रहण होगा। आमतौर पर ग्रहण एक या डेढ घंटे की अवधि वाले होते है, 27 जुलाई को पढ़ने वाला चन्द्र ग्रहण 4 घंटे तक रहेगा। चन्द्र ग्रहण की शुरुआत चन्द्रमा के उदय के साथ रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से होगी।
ग्रहण का मध्यकाल रात्रि 1 बजकर 54 मिनट पर होगा। और ग्रहण की समाप्ति 3 बजकर 49 मिनिट पर होंगी। इस तरह ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 55 मिनट की होगी।यह चन्द्र ग्रहण ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण जिस राशि पर में घटित होता है उन राशि बालों पर अपना कुप्रभाव छोड़ता है।
यह चन्द्र ग्रहण उत्तराषाढा और श्रवण मास में मकर राशि में घटित हो रहा है,इसलिए मकर राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है। चन्द्र ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए पूजा पाठ एवं जाप करना चाहिए।
यह ग्रहण मिथुन,मेष,वृष,कर्क,सिंह,कन्या,धनु,कुम्भ राशि वालों के लिए भी कष्टकारी हो सकती हैं तुला,वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह चन्द्र ग्रहण शुभ होगा।

ग्रहण काल में क्या करें

चंद्रग्रहण मकर राशि में लग रहा है। ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए चंद्रमा के मंत्र- ‘ओम सोम सोमाय नमः’ का जितना हो सके जप करें।
महामृत्युंजय मंत्र और अपने ईष्टदेवता एवं राशि का मंत्र जपना भी शुभ रहेगा। मकर राशि के देवता शनिदेव हैं इसलिए शनि के मंत्र ‘ओम प्रां प्रीं प्रों स: शनिश्चराय नम:’ का जप भी कर सकते हैं।
ग्रहण के दौरान सावधानी
ग्रहण काल के दौरान मल-मूत्र त्याग करने की मनाही है। लेकिन बच्चे, बूढ़े, बीमार और गर्भवती स्त्रियों के लिए यह नियम लागू नहीं होता है। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान कैंची और सुई जैसी नुकीली चीजों को प्रयोग नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए किसी ग्रहण के दौरान सिलाई बुनाई शुभ नहीं माना गया है।मान्यता है कि ऐसा करने से होनेवाले बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि चंद्रग्रहण में इन बातों को वैज्ञानिक स्वीकार नहीं करते हैं।
चंद्रग्रहण का राशि पर प्रभाव जानें
मेष राशिः आपकी राशि से 10 घर में हो रहा ग्रहण नौकरी में परेशानी दे सकता है। कार्यक्षेत्र में सावधानी बरतें। सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा। जोखिम से बचें।
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