केडी सिंह से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो के चार ब्रेक, सितंबर में होगा आकड़ा पूरा

लखनऊ । नार्थ साउथ कॉरिडोर के 23 किमी. में करीब आठ जगह लखनऊ मेट्रो की गति धीमी होगी। प्राथमिक सेक्शन के बाद अब केडी सिंह से मुंशी पुलिया के बीच चार स्थान ऐसे होंगे, जहा मेट्रो को बीस से तीस किमी प्रति घटे की गति से निकाला जाएगा। एलएमआरसी ऐसे स्थानों पर मेट्रो की गति धीमी करने के लिए ट्रेन ऑपरेटरों को गाइडलाइन भी जारी करेगा और प्रशिक्षिण के दौरान ट्रेन ऑपरेटरों को बताया जाएगा।केडी सिंह से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो के चार ब्रेक, सितंबर में होगा आकड़ा पूरा

केडी सिंह से बढ़ते ही हनुमान सेतु पर 175 मीटर लंबा स्पेशन स्पैन बनाया जा रहा है। यहा मेट्रो की गति अन्य रूट की तुलना में काफी कम होगी। गोमती नदी के ऊपर से मेट्रो का संचालन होगा। यहा से आइटी कॉलेज के पास कर्व होने के कारण गति धीमी होगी। फिर होटल क्लार्क अवध के पास 45 मीटर स्पैन पर मेट्रो की गति धीमी हो जाएगी। वहीं निशातगंज पुल और फिर पॉलीटेक्निक चौराहे के पास मेट्रो अपनी सामान्य गति से काफी धीमी गति से निकाली जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, चौधरी चरण सिंह से मेट्रो में सवार होने वाला यात्री मुंशी पुलिया करीब 50 मिनट में पहुंचेगा। वहीं इससे पहले मेट्रो ट्रासपोर्ट नगर से कृष्णा नगर के बीच में पड़ने वाले रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरती है। यहा आई गर्डर है। उसके बाद सिंगार नगर पर स्पेशन स्पैन और फिर दुर्गापुरी से मवैया के बीच मेट्रो की गति धीमी होती है।

20 मेट्रो का आकड़ा सितंबर में होगा पूरा

राजधानी में चलने वाली मेट्रो को तैयार करने का काम तेज कर दिया गया है। अब तक आध्र प्रदेश से सत्रह मेट्रो लखनऊ आ चुकी है और सितंबर तक बची हुई तीन मेट्रो के आने की संभावना है। अफसरों का दावा है कि नवंबर तक मेट्रो के सभी कोच तैयार कर लिए जाएंगे, इनका नियमित रूप से ट्रॉयल किया जा रहा है। उद्देश्य है कि दिसंबर 2018 में अगर प्री ट्रॉयल हो तो मेट्रो का संचालन हो सके। हालाकि एलएमआरसी दावा कर रही है कि कमर्शियल रन एक अप्रैल 2019 से पहले संभव नहीं है। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) ने कार्यदायी संस्था एलस्टाम को कोच बनाने का ठेका दिया था।

विदेशी कंपनी ने आध्र प्रदेश में अपनी कोच फैक्ट्री लगाने के लिए लखनऊ के लिए कोच भेज रहा था। माना जा रहा है इन कोचों की आपूर्ति सितंबर से पहले पूरी करने का प्रयास है। सूत्रों की मानें तो कानपुर में चलने वाली मेट्रो के लिए भी उक्त कंपनी कोच बनाने के लिए आगे आ सकती है। एलएमआरसी के मानकों पर खरी उतरने वाली एलस्टाम यूपी के अन्य जिलों में चलने वाली मेट्रो कोच का निर्माण करने के लिए प्रयासरत है। अभी तक लखनऊ में चल रहे कोचों का ओवर ऑल रिस्पास बेहतर रहा है। आधुनिक सुविधाओं से लैस उक्त कोचों में यात्रियों का फीडबैक भी बेहतर रहा है। मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि जैसे नार्थ साउथ कॉरिडोर का प्री ट्रॉयल नवंबर 2016 में हुआ था, उसी तरह 25 दिसंबर से पहले चौधरी चरण सिंह से मुंशी पुलिया के बीच प्री ट्रॉयल करने की तैयारी है। इसी क्रम में नियुक्ति संबंधी कार्यक्त्रम एलएमआरसी पूरा कर चुका है और नए कर्मियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है।

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