पिता राशिद शोरा ने बेटी शहला के उपर लगाए गंभीर आरोप, कहा- शेहला के बैंक खातों की हो जांच

  • छात्रनेता और कार्यकर्ता शहला राशिद के पिता अब्दुल राशिद शोरा ने अपनी बेटी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए
  • कश्मीर घाटी में राजनीति से जुड़ने के लिए शेहला ने 3 करोड़ रुपए लिए: शोरा
  • शेहला ने अपने पिता के बयान को आधारहीन और बकवास बताया

नई दिल्ली। जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने अपने पिता पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। शेहला ने कहा कि उनके पिता मां की पिटाई करते हैं। वहीं, इस पर पिता अब्दुल शोरा ने पलटवार करत हुए बेटी शेहला पर गंभीर आरोप लगाते हुए उससे जान का खतरा बता दिया है। उन्होंने शेहला के बैंक खातों की जांच कराने की मां की है।

शेहला ने रखा अपना पक्ष

हालांकि, शेहला ने ट्विटर पर विस्तृत रूप से सभी आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है और आरोपों को नकारा है। शेहला ने कहा है कि, ‘आप में से कई ने मेरे जैविक पिता के वीडियो को देखा होगा, जिसमें उन्होंने मुझ पर और मेरी मां और बहन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वह पत्नी को पीटने वाले, अपमानजनक और अपवित्र आदमी हैं।

हमने आखिरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया, और यह स्टंट उसी की प्रतिक्रिया है।’ आरोपों को ‘बिल्कुल घृणित और निराधार’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले की सच्चाई यह है कि उन्होंने अपने पिता के खिलाफ कश्मीर की एक अदालत में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई है और उनके घर में प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश पारित किया है।

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इसके साथ ही पूछा कि तुम 2017 से तुम अचानक क्यों बदल गईं? अब्दुल शोरा ने कहा कि मुझे घरेलू हिंसा की शिकायत के बाद अदालत के आदेश से घर में रहने के अधिकार को बहाल कर दिया गया। अगर मैं एक हिंसक व्यक्ति हूं, तो निश्चित रूप से मेरे खिलाफ कई एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी? लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

वहीं एक चैनल के साथ बातचीत में शेहला के पिता ने कहा, ‘शेहला से पूछा जाए अगर वो राष्ट्रीय राजनीति में थीं, तो उनका अचानक कश्मीर की राजनीति में आने का मतलब क्या है। शेहला के लिए कश्मीर की राजनीति में कुछ नहीं है। वह 2017 से अचानक बदल गई है। वह 370 के मसले पर उच्चतम न्यायालय चली गईं।’

‘NGO और खातों की हो जांच’

शोरा ने शेहला द्वारा चलाए जा रहे गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), और उनकी बेटियों और अपनी पत्नी के बैंक खातों की जांच की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि ये पता लगाया जाना चाहिए कि वो दिल्ली से कश्मीर की राजनीति में क्यों आई। ये इसका मकसद ही नहीं था। 2017 से मैं इसको कह रहा हूं कि यहां राजनीति मत करो। यहां राजनीति करना ठीक नहीं है। सीपीआई ने इसके लिए सीट फिक्स की थी। इसको मेरठ से लोकसभा चुनाव लड़ना था। लेकिन ये कश्मीर में आ गई।

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