कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने की आत्महत्या

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिनों पहले ही डिफाल्टर किसानों को जीरो फीसदी ब्याज पर कर्ज देने के लिए मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना का ऐलान किया था. चुनावी साल में शिवराज सिंह ऐसी घोषणाएं कर खूब तालियां बटोर रहे हैं. वहीं इन तमाम वादों और दावों के बीच बुरहानपुर जिले में एक किसान ने आत्महत्या कर ली. राज्य में किसानों की पर बदहाली इस कदर हावी हो गई है कि वे मौत को गले लगाने से भी नहीं हिचक रहे हैं. बताया जा रहा है कि किसान पर सहकारिता बैंक के साथ ही अन्य कई लोगों का कर्ज हो गया था. इससे परेशान होकर हताशा से भरे किसान ने कीटनाशक पीकर मौत को गले लगा लिया. वहीं सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच शुरु कर दी है. कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने की आत्महत्या

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बुरहानपुर जिले के लालबाग थाना के भोलाना गांव में बुधवार रात किसान कारकुन ने अपने खेत में कीटनाशक पी लिया. परिजनों ने बताया कि बुधवार को कारकुन खेत गया था. रात होने के बाद भी जब वो नहीं लौटा, तो परिजन उसे ढूंढने खेत पर गए. वहां परिजनों ने पाया कि कारकुन का शव खेत में पड़ा था. परिजनों ने बताया कि कारकुन पर सहकारिता बैंक का करीब डेढ़ लाख रुपए कर्ज था. साथ ही उस पर अन्य कई लोगों का कर्ज भी हो गया था. परिजनों ने बताया कि बैंक की ओर से लगातार नोटिस आने से किसान परेशान हो गया था. कर्ज के बोझ तले दबे कारकुन ने परेशान होकर खेत में कीटनाशक पीकर अपनी जान दे दी. परिजनों में घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद किसान का शव परिजनों को सौंप दिया.

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वहीं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को ट्वीट कर सीएम शिवराज सिंह पर निशाना साधा. सिंधिया ने लिखा कि भावांतर योजना का नतीजा- जिस लहसुन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3200 रु प्रति क्विंटल था, अब वो 400 रु में बिक रही है. एक किसान, राजकुमार गौड़ का कहना है कि ‘किसानो का मज़ाक़ बना दिया है शिवराज सरकार ने। न तो मरने दिया, न जीने को रहने दिया.’

 
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