दिल्ली को देहरादून से जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य करीब 40 फीसदी तक हुआ पूरा…

दिल्ली को देहरादून से जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जनवरी में 35 फीसदी तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जो करीब 40 फीसदी पूरा कर लिया गया है।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने दिसंबर तक एक्सप्रेसवे के पहले दो चरणों को यातायात के लिए खोलने की समय सीमा भी निर्धारित की है। इनके खुलने से अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर होते हुए बागपत में खेकड़ा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे-ईपीई) तक जाने में आसानी हो जाएगी। करीब 31 किमी लंबे इस चरण के खुलने से पूर्वी और उत्तरी दिल्ली को जाम से राहत मिलेगी। पंजाब-हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत, सहारनपुर जाने वाले लोग एक्सप्रेसवे से ईपीई तक निकल सकेंगे।

एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि पिलर खड़े करने का करीब 70 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है, बाकी काम मार्च-अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसी बीच पिलर के ऊपर स्पैन (गार्डर) रखने का काम भी तेजी से चल रहा है। निर्माण एजेंसियों को लक्ष्य दिया गया है कि सबसे पहले एलिवेटेड रोड के हिस्से को पूरा किया जाए, जिससे एक्सप्रेसवे के हिस्से को समय से पूरा करके यातायात के लिए खोल दिया जाए। बाकी उसके नीचे सर्विस रोड बनाने का काम बाद में भी किया जा सकता है। स्पैन रखने के साथ ही उसके ऊपर सड़क बनाने की दिशा में भी काम चल रहा है।

पहले दो चरण तैयार होने के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे भी आपस में जुड़ जाएंगे। अक्षरधाम में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से इसकी शुरुआत हो रही है, जो खेकड़ा में ईस्टर्न पेरिफेरल को जोड़ते हुए आगे देहरादून के लिए बन रहा है।

मुख्य सड़कें जुड़ेंगी : राजधानी की सभी मुख्य सड़कों को सीधे, लूप व रैंप के जरिए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (डीडीई) जोड़ा जाएगा। इसके लिए दिल्ली की सीमा में पांच जगह पर प्रवेश और निकासी की सुविधा होगी।

यमुनापार और लोनी के जाम से राहत मिलेगी

एक्सप्रेसवे के तैयार होने पर दिल्ली में यमुनापार और लोनी का जाम नहीं झेलना पड़ेगा। अभी तक अगर दिल्ली-सहारनपुर मार्ग से होते हुए देहरादून जाना पड़ता है, तो छह से सात घंटे लगते हैं। इसलिए लोग देहरादून जाने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं, इसमें करीब पांच घंटे लगते हैं, लेकिन 210 किमी लंबे नए एक्सप्रेसवे के बनने से यह दूरी ढाई घंटे में तय की जा सकेगी।

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