पूर्व मुख्यमंत्री शास्त्री जयंती कार्यक्रम से नदारद रहे तेजस्वी-तेज प्रताप, लग रहे कयास

पटना । पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री की जयंती पर राजद की ओर से रविवार को कार्यक्रम का आयोजन श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में किया गया। मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विशिष्ट अतिथि तेज प्रताप यादव को बनाया गया था, लेकिन दोनों में से कोई भी नहीं पहुंचा तो कयासों का दौर शुरू हो गया। इसे लालू परिवार में विवाद से भी जोड़कर देखा जाने लगा। आखिर में पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह से मुख्य अतिथि की औपचारिकता पूरी कराई गई। 

दरअसल, जदयू से हाल में राजद में लौटे पूर्व मंत्री डॉ. सुरेश पासवान की पहल पर राजद की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सुरेश कार्यक्रम के संयोजक बनाए गए थे। दो सप्ताह पहले ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सहमति लेकर कार्यक्रम की तिथि तय की थी।

मंच पर टंगे बैनर में तेजस्वी का नाम मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता के रूप में दिख रहा था। तेज प्रताप को विशिष्ट अतिथि बनाया गया था। नई दिल्ली में होने के कारण तेजस्वी शिरकत नहीं कर पाए तो आयोजकों ने तेज प्रताप यादव को बुलाने का प्रयास किया।

सुरेश पासवान और पूर्व सांसद सुखदेव पासवान खुद राबड़ी देवी के आवास जाकर आग्रह किया। किंतु निराशा हाथ लगी। सुरेश के मुताबिक तेज प्रताप को सर्दी-खांसी थी। आखिर में रघुवंश प्रसाद सिंह, रामचंद्र पूर्वे, आलोक मेहता, अशोक कुमार सिंह एवं तनवीर हसन समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। 

सीट बंटवारे पर कोई विवाद नहीं : रघुवंश 

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का जाना तय हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पूरे देश में माहौल है। भाजपा को भगाने के लिए सबने मन बना लिया है। महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। सबको हैसियत के मुताबिक सीटें मिलेंगी।

केंद्र एवं राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर ली गई है। महंगाई, अपराध एवं भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर चरणवार आंदोलन होगा। कार्यक्रम को रामचंद्र पूर्वे, आलोक मेहता, तनवीर हसन समेत कई नेताओं ने संबोधित किया। 

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