चर्चित फर्जी हथियार लाइसेंस मामला: 38 लोगों के खिलाफ एटीएस ने चालान किया पेश

चर्चित फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में राजस्थान एटीएस ने बुधवार को 38 लोगों के खिलाफ जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में चालान पेश किया है। 3363 पेज के आरोप-पत्र में एटीएस ने हथियार खरीद-फरोख्त से जुड़े सभी पहलुओं का उल्लेख किया है।चर्चित फर्जी हथियार लाइसेंस मामला: 38 लोगों के खिलाफ एटीएस ने चालान किया पेश

इस मामले में जम्मू-कश्मीर में कैडर के एक आईएएस अधिकारी राजीव रंजन की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। एटीएस ने राजीव रंजन को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया,लेकिन वे नहीं आए। राजीव रंजन के भाई ज्योति रंजन को गिरफ्तार किया जा चुका है।

एटीएस और एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से फर्जी लाइसेंस बनवाकर हथियारों की खरीद-फरोख्त मामले में जयपुर के एसओजी थाने में दर्ज मामले में जांच के बाद पूरे प्रकरण का पर्दाफाश किया गया। इसमें एक अंतर्राज्यीय गिरोह का खुलासा हुआ।

यह गिरोह राजस्थान और अन्य राज्यों के लोगों के फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाता था। गिरोह के सदस्य जिन लोगों के लाइसेंस बनवाता था,उनका जम्मू-कश्मीर में फर्जी पता बताता था। लोगों के सैनिकों और बीएसएफ के जवानों के नाम से लाइसेंस फार्म भरवाता और फिर जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से लाइसेंस बनवाता था।

इसके तहत यह गिरोह देश में अन्यत्र सेवारत सैनिकों और अद्धसैनिकों को जम्मू-कश्मीर में सेवारत बताकर फर्जी सेवा प्रमाण-पत्र भी बनाता था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के कब्जे से एटीएस ने 1188 लाइसेंस और 66 हथियार बरामद किए थे।

55 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया

फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में मुख्य अभियुक्त अजमेर निवासी मोहम्मद जुबेर को माना गया। जुबेर जम्मू-कश्मीर में गृह विभाग के साथ ही कुपवाड़ा,कठुआ,रामबन और श्रीनगर आदि जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों से सांठ-गांठ करके फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाने का काम करता था। जुबेर मध्यप्रदेश के देवास स्थित मैसर्स मालवा बंदूक घर के मालिकों मोहम्मद जफर और प्यारे मोहम्मद से मिलीभगत कर उन लोगों को हथियार भी दिलवाता,जिनके उसने लाइसेंस बनवाए थे ।

मिश्रा ने बताया कि जुबेर के साथ राहुल ग्रोवर,विशाल आहूजा,मोहम्मद जफर,सुनील शर्मा,दीपक गुलाटी और ज्योति रंजन सहित 55 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था । इनमें से 38 के खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र पेश किया गया ।

अन्य अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य संकलन के लिए प्रकरण धारा 173 (8) के तहत लंबित रखा गया है । उल्लेखनीय है कि सबसे पहले पिछले साल 11 सितम्बर फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में आईपीसी की धारा 420,467,468,471 और 474,120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था ।

Back to top button