कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से बासमती का निर्यात प्रभावित

बासमती धान उगाने में कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण पंजाब से इसका निर्यात प्रभावित हो रहा है। अनुमान है कि पिछले तीन साल में 400 विदेशी ऑर्डर रद्द हो चुके हैं। मिशन तंदुरुस्त पंजाब के मैनेजिंग डायरेक्टर काहन सिंह पन्नू ने कहा कि बासमती का कुल कारोबार करीब 50 हजार करोड़ रुपये का है जिसमें ज्यादातर हिस्सा पंजाब का है।

उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बासमती का निर्यात पंजाब से होता है लेकिन कीटनाशकों के ज्यादाप्रयोग के कारण यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और विश्व के अन्य देशों ने पंजाब का चावल लेने से परहेज करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि तीन सालों में 400 निर्यात ऑर्डर रद्द हो गए। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (आइसीआरआइईआर) के मुताबिक इसमें कीटनाशकों के तत्व तय सीमा से काफी ज्यादा हैं।

पंजाब राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने हाल ही में राज्य सरकार को बताया कि कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग के कारण यूरोपीयन यूनियन और अमेरिका से बासमती के ऑर्डर बड़े स्तर पर रद्द हुए हैं। एसफेट, कैबैंडाजिम, थियामैटोसैम, ट्रिकलाजोल व ट्रिजाफोस जैसे कीटनाशकों के कारण समस्या आ रही है।

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ये कीटनाशक सेंट्रल इंसेक्टिसाइड्स बोर्ड और रजिस्ट्रेशन कमेटी के यहां रजिस्टर्ड हैं, इसलिए केंद्र सरकार इंसेक्टीसाइड एक्ट, 1968 के तहत इन पांच कीटनाशकों की बिक्री व प्रयोग पर रोक नहीं लगा सकती है।

पन्नू ने बताया कि पंजाब में कीटनाशक मुक्त बासमती की मुहिम चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत इन पांच कीटनाशकों के पीएयू द्वारा सुझाए विकल्पों का प्रचार किया जा रहा है। निर्यात कारोबार पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव का खामियाजा प्रदेश के किसानों को भी भुगतना पड़ेगा।

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