सुहागरात के सपने हर लड़की देखती है मगर जो मेरे साथ हुआ वो दर्दनाक था…

मेरा नाम फातिमा शिरीन है और मैं महज 22 साल की हूं. मैं पाकिस्तान की छोटे से गांव से रहने वाली हूं मेरे माता-पिता मेरे साथ ही रहते थे मेरे पिता का एक छोटा सा कारोबार था मैं अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हूं मुझे मेरे घर में बहुत ज्यादा प्यार किया जाता था मैंने कभी नहीं सोचा था कि आने वाली जिंदगी में मेरे साथ कुछ ऐसा होगा जो मेरी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल कर रख देगा.

यह मेरी कहानी है मैं आज आप सबके साथ अपनी कहानी को बयां करूंगी मुझे नहीं पता कि आप में से कितने लोगों तक मेरी आवाज पहुंचेगी मगर मैं इतनी गुजारिश जरूर करूंगी कि हर लड़की के भाग्य में ऐसा कभी ना हो कि उसे इस दर्द से गुजर ना पड़े. यह बात आज से 3 साल पहले की है जब मेरी शादी तय हुई थी बहुत खुश थी मैं और मेरे माता पिता भी बहुत खुश थे. मेरी अरेंज मैरिज हो रही थी लड़का हमारे गांव का ही था मेरे पिता के दोस्त का बेटा इसीलिए सब लोग चाहते थे कि मेरी शादी उससे हो जाए उनको लोग नए शिफ्ट हुए थे वहां पर तो इतना कोई उनके बारे में जानता नहीं था पहले से.

हम दोनों की शादी हुई पूरे रीति रिवाज के साथ मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत प्यार से विदा किया मैं अपने ससुराल गई वहां पर मेरे सास ससुर ने मुझे बहुत प्यार से मेरा ध्यान रखा और स्वागत किया बहुत खुश थी मेरी जिंदगी मुझे लगा कि शायद मैंने कुछ अच्छे कर्म किए होंगे जिसकी वजह से मुझे इतना अच्छा परिवार मिला इतना अच्छा पति मिला मगर मुझे कहां पता था कि मेरे साथ कुछ ऐसा घटने वाला है कि शायद मैं जिंदगी भर के लिए उस सदमे को भूल ना पाऊं. शादी के बाद जब हमारी पहली रात थी तो मेरे पति ने मुझसे कहा कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं यह मेरी अरेंज मैरिज थी तो मैं आने वाली जिंदगी के लिए तैयार तो थी मगर अंदर से डरी हुई थी. मेरे पति ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे किस करने के लिए आगे बढ़ा मगर मैं थोड़ा सा घबराई क्योंकि वह पहली बार था जब मैं ऐसे किसी अनजान इंसान के साथ थी इससे पहले ना मैंने कभी किसी लड़की से बात की बात भी कोई दोस्ती की यह सब कुछ मेरे लिए एक नया अनुभव था. उसने मेरे को किस किया मेरी अनुमति के बिना, उसे पता था की मैं उस वक़्त तैयार नहीं थी किसी भी जिस्मानी सम्बन्ध के लिए, मगर शायद हर शादी में आपकी मर्ज़ी हो या न हो आपको खुदको किसी और के हवाले करना ही पड़ता है.

वो मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा, मैंने कहा की अभी मेरे पीरियड्स भी चल रहे तो मैं सेक्स के लिए तैयार नहीं हूँ. मगर फिर भी उसने मेरे कपड़े फाड़े और मुझपे जानवरों की तरह चढ़ गया. उसने मेरी हालत का बिना सोचे समझे मेरा बलात्कार किया, जी हाँ वो मेरा पति था मगर फिर भी उसने मेरा बलात्कार किया. वो इतना ज़्यादा हवासीपने पे उतर गया की उसने मेरे गुप्तांग में एक लोहे की रॉड डाल दी जिसकी वजह से मुझे काफी चोट आई और बहुत खून बहा. वो इतना ज़्यादा हवासीपने पे उतर गया की उसने मेरे गुप्तांग में एक लोहे की रॉड डाल दी जिसकी वजह से मुझे काफी चोट आई और बहुत खून बहा. बहुत ज्यादा खून बह रहा था मुझे लेकिन समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं किस से कहूं और उस वक्त वहां पर सब लोग अनजान थे कौन मेरी बात पर यकीन करता कि मेरे ही पति ने मेरा बलात्कार किया.

कैसे भी करके मैंने अपने आप को संभाला अगले दिन मेरा रिसेप्शन था मेरे घरवाले आने वाले थे रिसेप्शन के लिए मैं तैयार हुई और देश पर जा कर बैठी कुछ देर बाद मुझे चक्कर आ गया और मैं बेहोश हो गई मुझे हस्पताल में भर्ती कराया गया तो जैसा कि आपको पता है कि मुझे बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही थी जिसकी वजह से मैं बहुत देर तक सरवाइव ना कर पाऊं शायद इसलिए मैं यह सारी बातें आपको बता कर जा रही हूं ताकि आप यह सारी बातें मेरे घर वालों तक पहुंचा दें. उसने अपनी कहानी मुझे बताइए और अगले ही दिन उसकी मृत्यु हो गई हैवी ब्लीडिंग के कारण उसकी मृत्यु हॉस्पिटल में ही हो गई उसके घर वालों ने लाख कोशिश है मन्नतें की दुआएं की मगर कुछ भी काम नहीं आया बस उसकी आंखों में आंसू थे मरते वक्त भी.

यह आपने उस कहानी के बारे में जाना जो उसके साथ हुआ उसने अपनी सारी बातें मुझे बता दे मैं शबाना शेख उसकी डॉक्टर हूं. मुझे लड़के वालों ने बहुत डराया-धमकाया कि मैं किस चीज के बारे में लड़की वालों को ना बताऊं अगर मैंने उसने कुछ भी बताया तो मेरे साथ भी हो ऐसा ही कुछ करेंगे और मार डालेंगे. डरते डरते लेकिन मैंने लड़की के परिवार वालों को सारी बातें बता दी जो भी मुझे बताया था लड़की वालों ने बहुत गुस्से में पुलिस कंप्लेन की मगर पुलिस वालों ने किस को दबाने के लिए कहा क्योंकि पुलिस के नजरिए से यह रेप केस नहीं हो सकता क्योंकि उनकी शादी हो चुकी थी. पुलिस ने पूरी तरह चाहा कि वह किस दब जाए क्योंकि लड़की की घरवाली लड़की वालों को पैसे दे रहे थे इस केस को रफा-दफा करने के लिए मगर लड़की के पिता ने हार नहीं मानी और कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी.

मैंने अक्सर देखा है एक से एक ऐसे कैसे जहां पर आज भी औरतों पर इतने जुल्म और अत्याचार किए जाते हैं और पुलिस और सरकार कुछ नहीं करती है पुलिस हमारी सहायता के लिए होती है मगर मैंने नहीं देखा कि पुलिस ने कभी किसी मरीज की ऐसी सहायता की हो ताकि उस को इंसाफ मिल सके. लड़की के परिवार वालों ने बहुत कोशिश की मगर उन्हें आज भी इंसाफ नहीं मिला मुझे लगता है आज भी उस लड़की की रूह कहीं ना कहीं भटक रही होगी इसी सोच में कि उसे इंसाफ क्यों नहीं मिला क्यों उसकी अरमानों का गला घोटा गया क्यों उसे इतनी बेरहमी से उसी के पति ने मौत के घाट उतारा उसी के पति ने उसका बलात्कार किया यह सारी चीजें जब भी मेरे जेहन में आती है मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. राजू मुझे इस बात पर नहीं होता कि पुलिस ने उनकी सहायता नहीं की ताज़ी तो मुझे इस बात पर है कि लड़के के घर वाले अपने ही बेटे की गलती होते हुए भी उसे सपोर्ट कर रहे हैं ताकि वह जेल से बच जाए उसने इतनी बेरहमी से उस लड़की का बलात्कार किया लोहे की रॉड उसके प्राइवेट पार्ट में डाला यह सब कोई नहीं करता एक आम इंसान तो नहीं वह एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति था.

मैं दुआ करती हूं कि फातिमा को इंसाफ जरूर मिलेगा आज नहीं तो कल यह इंसाफ जरूर होना चाहिए वरना शायद पाकिस्तान या दुनिया की किसी भी लड़की को हमेशा हमारे नियमों कानूनों और समाज पर संदेह होगा.

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