एहल्कॉन की छात्रा के आत्महत्या मामले में पुलिस के रवैये पर परिजनों को भरोसा नहीं है। उनका मकसद गुनहगारों को सलाखों के पीछे पहुंचाना है। इसके लिए उन्होंने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई जांच की मांग की।
सोमवार छात्रा के पिता ने प्रेसवार्ता में कहा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा। यह भी भूल चुका हूं कि मैं एक कत्थक डांसर या गुरु हूं। पूरा जीवन बेटी के गुनहगारों को जेल पहुंचाने में लगा दूंगा।
पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन पूरा काम अपने बचाव में कर रहा है। ऐसा लगता है कि नोएडा पुलिस आरोपियों का ही साथ दे रही। अगर ऐसा नहीं तो अब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर लेना चाहिए था।
ऐसे में न्याय के लिए वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। प्रेसवार्ता के दौरान प्रिंस के पिता शामिल नहीं हो सके। जाम में फंसे होने के चलते उन्हें आने में
देर हो गई। छात्रा के पिता ने बताया कि प्रिंस के पिता भी उनके साथ इस लड़ाई में शामिल हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें शांति पूर्ण कैंडल मार्च तक निकालने की अनुमति नहीं दी गई।
बेटे को भी प्रताड़ित करने का आरोप
मृतक छात्रा के पिता ने बताया कि एहल्कॉन स्कूल में 15 साल से उनका बेटा पढ़ रहा है। उसके साथ भी ऐसा ही दुर्व्यवहार किया जाता है। बेटा जब पहली कक्षा में था, तब 11वीं के छात्रों ने उसका हाथ तोड़ दिया था। घटना सुबह साढ़े नौ बजे की थी, जिसकी जानकारी उन्हें दोपहर 12 बजे दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल की कोई ऐसी पीटीएम नहीं, जिसमें मेरी पत्नी नहीं गई लेकिन हर बार वह रोकर वहां से आती थी। स्कूल प्रधानाचार्य ने घर में आचरण ठीक नहीं होने का आरोप लगाया और अशोभनीय व्यवहार किया।
पीएमओ हाउस पर करेंगे कैंडल मार्च
छात्रा के पिता ने बताया कि इंसाफ के लिए पीएमओ हाउस के बाहर कैंडल मार्च निकाला जाएगा। जरूरत पड़ने पर इंडिया गेट पर धरना भी दिया जाएगा। इसके लिए लोगों का समर्थन यहां और बिहार दोनों जगह से मिल रहा है।