इंग्लैंड ने जारी किया जीवों को मारने का लाइसेंस, 13 हजार जीव पर मंडराया खतरा…

कई बार बीमारियों को रोकने के लिए कुछ जीवों को मारा जाता है. इनकी सामूहिक हत्या की जाती है. लेकिन ब्रिटेन में बैजर्स नाम के जीवों को मारने के लाइसेंस अगले साल तक जारी किए जा रहे हैं. जबकि, जीवों के लिए समर्थन करने वाली संस्थाएं और पर्यावरणविद इसका विरोध कर रहे हैं. 

जीवों को बचाने वाली संस्थाएं कह रही हैं कि बैजर्स को मारने का लाइसेंस रद्द किया जाए. ये लाइसेंस 2022 तक के लिए जारी किए गए हैं. आइए जानते हैं कि आखिर इन जीवों को मारने का लाइसेंस क्यों दिया जा रहा है

वाइल्डलाइफ ट्रस्टमें प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक बैजर्स (Badgers) को मारने का लाइसेंस एक बार जारी हो गया तो वह 4 साल तक वैध रहता है. यानी 2022 तक जारी किए जा रहे लाइसेंस 2026 तक वैध रहेंगे. तब तक बैजर्स को मारा जाता रहेगा. इस योजना को रोकने और इन जीवों को मरने से रोकने के लिए लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

इन लाइसेंसों को बांटने की वजह से इस बात का खुलासा हुआ है कि 13 हजार बैजर्स जीव खतरे में है. इसके लिए सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि वो अनावश्यक रूप से बैजर्स को मारने से रोके. इसके लिए सरकार तुरन्त प्रभाव से बैजर्स को मारने वालों के लाइसेंस रद्द कर दे. इससे 10 हजार बैजर्स की जान बच सकती है.

बैजर्स को इसलिए मारा जा रहा है कि क्योंकि इनसे बोविन ट्यूबरक्यूलोसिस फैलने का खतरा रहता है. अगर कैटल वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाए तो बैजर्स को मारने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बैजर्स शाकाहारी और मांसाहारी हर तरह का खाना खाता है. 

बैजर्स का शरीर छोटा और चौड़ा होता है. इनके पैर छोटे होते है जो किसी चीज़ को कुरेदने या खोदने में इनकी मदद करते है. इनके कान बड़े होते हैं. बैजर्स की कई प्रजातियां होती हैं. हर प्रजाति कि अपनी अलग खासियत होती है. पूरे यूरोप में इन जीवों को बचाने के लिए अलग-अलग तरीके से लोग धरने प्रदर्शन कर रहे हैं. 

बैजर्स (Badgers) के पूंछ की लंबाई उनकी हर प्रजाति में अलग होती है. इनका मुंह काला होता है जिस पर सफेद निशान होता है. शरीर का रंग ग्रे होता है. इस पर सिर से लेकर पूंछ तक एक सफेद धारी होती है. 

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