उत्तराखंड: उद्योगों में उपयोग बिजली आपूर्ति का अलग से तैयार किया जाएगा लेखा-जोखा

देहरादून: उद्योगों में बिजली आपूर्ति का अलग से लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। इससे यह पता चलेगा कि उद्योगों को कितनी बिजली मिल रही है और आपूर्ति में व्यवधान की स्थिति क्या है। दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो दिन पहले समीक्षा बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने इस बाबत निर्देश दिए थे। इसका उद्देश्य यह था कि देश-प्रदेश में विभिन्न मंचों पर बेहतर बिजली आपूर्ति का आंकड़ा रखा जाएगा तो उद्यमी उत्तराखंड में उद्योग लगाने के लिए आकर्षित होंगे।उत्तराखंड: उद्योगों में उपयोग बिजली आपूर्ति का अलग से तैयार किया जाएगा लेखा-जोखा

किसी भी राज्य में उद्योगों के विकास के लिए बिजली की अहम भूमिका है। उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) का दावा है कि उद्योगों को करीब 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाती है। फाल्ट या अन्य किसी कारण से ही व्यवधान होता है। यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि अभी तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के फीडरों में आए व्यवधान का लेखा-जोखा तैयार किया जाता है। जैसे, कितने फीडर में पांच मिनट से ज्यादा और पांच मिनट से कम देर के लिए कितनी बार बिजली गुल हुई। अब औद्योगिक फीडरों का अलग से यही सब रिकॉर्ड तैयार होगा।

साथ ही इसमें बिजली गुल होने के कारणों का भी उल्लेख होगा और लोड से संबंधित जानकारी भी दर्ज की जाएगी। उन्होंने बताया कि नए टैरिफ में उद्योगों को काफी राहत दी गई है और अब क्रॉस सब्सिडी भी बहुत हद तक खत्म हो गई है। क्रॉस सब्सिडी में उद्योगों पर अधिक बिजली दर लागू होती थी, जिससे अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा में कहा है कि जब उद्योगों को उत्तराखंड से सस्ती और बेहतर बिजली किसी अन्य राज्य में नहीं मिल रही तो इसका व्यापक प्रचार-प्रसार तथ्यों के साथ किया जाना चाहिए।

टैरिफ में उद्योगों को राहत उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने 21 मार्च को वर्ष 2018-19 का टैरिफ जारी किया था। इसमें बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई और अन्य श्रेणियों के मुकाबले फिक्स चार्ज भी कम बढ़ा। साथ ही प्रदेश में 50 से अधिक औद्योगिक इकाइयां ऐसी हैं, जिसमें 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाती है। ऐसे में इन उद्योगों से अविरल आपूर्ति सरचार्ज लिया जाता है। अभी तक कुल खपत पर यह सरचार्ज 15 फीसद था, जिसे आयोग ने घटाकर 10 फीसद कर दिया है। इसके अलावा यूईआरसी ने ऑफपीक आवर में बिजली उपभोग करने पर उद्योगों को दरों में 15 फीसद छूट का प्रावधान भी किया। अभी तक यह 10 फीसद थी।

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