आज रायसेन में रमजान के दौरान चलने वाली तोप के लिए बकायदा लाइसेंस जारी किया जाता है। कलेक्टर तोप और बारूद का लाइसेंस एक माह के लिए जारी करते हैं। इसे चलाने का एक माह का खर्च करीब 40,000 रुपए आता है। इसमें से तकरीबन 5000 हजार रुपए नगर निगम देता है। बाकी लोगों से चंदा कर इकट्ठा किया जाता है।
सखावत उल्लाह इसे बहुत अहम काम मानते हैं। उनका कहना है, “लोगों को मेरे तोप चलाने का इंतजार रहता है। तभी वे रोजा खोल सकते हैं।” पहले तोप की आवाज दूर-दूर तक सुनाई पडती थी लेकिन अब शोर शराबे ने उसे कम कर दिया है। इसके बावजूद शहर और करीब के गांव के लोगों को गोला दागे जाने की आवाज का इंतजार सेहरी खत्म करने और रोजा खोलने के लिए रहता है।