दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के हल्के झटके, हरियाणा में था केंद्र

नई दिल्ली: हरियाणा के झज्जर जिले में मध्यम तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया और इसका असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भी महसूस किया गया. दिल्ली में 24 घंटे के भीतर दूसरी बार भूकंप का झटका महसूस किया गया है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र ने बताया कि भूकंप का यह झटका सुबह 6.28 मिनट पर महसूस किया गया और इसका केन्द्र सतह से 10 किलोमीटर की गहरायी में केंद्रित था. भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गयी. एनसीएस ने बताया कि भूकंप झज्जर जिला में आया और इसका झटका राष्ट्रीय राजधानी में भी महसूस किया गया.

इससे पहले रविवार को दिल्ली और NCR में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भूकंप का झटका 4.37 बजे दोपहर को महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 थी, जिसका केंद्र हरियाणा का झज्जर है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक, कहीं से भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. बता दें, हरियाणा का यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी.

भूकंप के खतरे को बताने के लिए देश को पांच Zones में बांटा गया है
Zone- 1 का मतलब है कि जहां भूकंप का खतरा सबसे कम है
Zone- 2 का मतलब है कि Low Intensity के झटके वाले इलाके यानी यहां पर 4 से कम तीव्रता के झटके आते हैं
Zone- 3 का मतलब है कि Moderate Intensity यानी भूकंप के हल्के झटके.यहां 7 तीव्रता तक के झटके आ सकते हैं
Zone- 4 का मतलब है कि Severe Intensity यानी जहां भूकंप का खतरा ज़्यादा है.यहां 8 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है
Zone- 5 का मतलब है कि Very Severe Intensity. यानी भूकंप का ख़तरा इन इलाक़ों में बहुत ज़्यादा होता है.यहां 9 से ऊपर की तीव्रता का भूकंप आ सकता है.

क्या न करें
अगर आप भूकंप के झटके महसूस कर रहे हैं तो घबराने की बजाए होशियारी से फैसला लें. अगर आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो घर के किसी कोने में चिपक कर, सिर नीचे कर खड़े हो जाएं. इस दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें. अगर घर से बाहर हैं तो ऊंची बिल्डिंग और पोल के पास न खड़े हों.

जर्जर बिल्डिंग के पास बिल्कुल भी खड़ा न हों. किसी ऐसे सड़क या पुल से ना गुजरें जो कमजोर हो. अगर संभव हो तो मजबूत टेबल के नीचे सिर छिपाकर बैठ जाएं. इस दौरान घर में भी कांच की खिड़कियों से दूर रहें. इन तमाम उपायों के बावजूद अगर आप कहीं फंस जाते हैं तो सीटी बजाकर या चिल्लाकर मदद के लिए आवाज लगाएं.

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