सभी विदेशी डाकघरों से ई-कॉमर्स निर्यात जल्द

नई दिल्ली। कस्टम विभाग भारतीय डाक के जरिये निर्यात की प्रक्रिया को आसान बनाने की योजना बना रहा है। वित्त मंत्रालय के अनुसार सभी विदेशी डाकघरों में ई-कॉमर्स के पैकेट और दूसरे निर्यात पार्सल स्वीकार करने की अनुमति दी जाएगी। अधिकांश शहरों में स्थित विदेशी डाकघरों से विदेश के लिए डाक और पार्सलों की बुकिंग हो सकती है।सभी विदेशी डाकघरों से ई-कॉमर्स निर्यात जल्द

अभी दिल्ली, मुंबई और चेन्नई स्थित विदेशी डाकघरों के जरिये एमईआइएस (मर्केडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम) के तहत ई-कॉमर्स निर्यात की अनुमति है। यह सुविधा 2016 में शुरू की गई थी। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार कस्टम विभाग सभी विदेशी डाकघरों से ई-कॉमर्स निर्यात की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है। हालांकि अभी इन डाकघरों में एमईआइएस के फायदे नहीं मिलेंगे। डाक के जरिये आयात व निर्यात में काफी ज्यादा शिकायतें रहती हैं। कस्टम विभाग और विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) मिलकर नियमों में तालमेल बनाने और उन्हें उदार बनाने के लिए पिछले एक साल साल से काम कर रहे हैं। छोटे व मझोले उद्योगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कस्टम विभाग ने डाक के जरिये निर्यात की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रस्ताव किया है। इससे सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा।

मंत्रालय के बयान के अनुसार पोस्टल सिस्टम में एक प्रमुख दिक्कत पेशेवर लॉजिस्टिक कंपनियों का अभाव है। एसएमई इकाइयों को पूरी दुनिया में ऑनलाइन माल बेचने और इन कंपनियों के जरिये पार्सल पहुंचाने की सुविधा दी जा सकती है। कस्टम विभाग पार्सल को जल्दी क्लियर करने के लिए एक्स-रे स्कैनिंग मशीने लगाने की योजना बना रहा है ताकि पैकेट को खोलकर जांच करने की आवश्यकता न हो। इससे तस्करी और नारकोटिक्स पर भी रोक लगेगी।

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