दिल्ली में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी) के विरोध में दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में रविवार को बीस हजार डॉक्टर एकजुट हुए.
केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी) के विरोध में दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में रविवार को बीस हजार डॉक्टर एकजुट हुए.
डॉक्टरों का कहना है कि इस बिल के आते ही देशभर में इलाज का स्तर नीचे चला जाएगा. क्योंकि इस बिल में प्रावधान है कि 6 महीने का ब्रिज कोर्स करके कोई भी आयुर्वेद और यूनानी डॉक्टर एलोपैथी की भी दवा लिख सकेगा.
Doctors under the banner of Indian Medical Association protest against the National Medical Commission (NMC) bill in #Delhi pic.twitter.com/mRvhqKMNgo
— ANI (@ANI) March 25, 2018
पूरे देश के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में जुटे जहां डॉक्टरों ने जोर शोर से केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे इस बिल का विरोध किया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि वानखेड़े ने कहा कि इस बिल के आते ही पुरानी संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया खत्म हो जाएगी. उसके बाद देश की मेडिकल शिक्षा और सेवा जैसी नीतियों को बनाने की जिम्मेदारी इस नई संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन के हाथ में आ जाएगी. इस कमीशन के सभी सदस्य सरकार अपॉइंट करेगी. ऐसे में सरकार के पास इसका पूरा कंट्रोल रहेगा.
क्या हैं नए बिल की खास बातें
-इस बिल के आते ही पूरे देश के मेडिकल संस्थानों में दाख़िले के लिए सिर्फ एक परीक्षा ली जाएगी. इस परीक्षा का नाम नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET)होगा.
-इस बिल के आते ही 6 महीने का एक ब्रिज कोर्स करने के बाद देश के आयुर्वेद और यूनानी डॉक्टर भी MBBS डॉक्टर की तरह एलोपैथी दवाएं लिख सकेंगे.
गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी डॉक्टरों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस बिल की खिलाफत करने का फैसला कर लिया है तो ऐसे में केंद्र सरकार ने अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो मुश्किल खड़ी हो सकती है.