JDU में बहुबली अनंत सिंह की वापसी की चर्चा, विरोधियों ने उठाये सवाल
पटना। बिहार सरकार में मंत्री व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले ललन सिंह ने बाहुबली निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में वापसी का संकेत देकर राजनीति को गरमा दियाा है। मंत्री के इस बयान के बाद कयासबाजी का सिलसिला चल पड़ा है। उधर, पार्टी के अंदर इसके खिलाफ विरोध के सुर फूट पड़े हैं। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने जिसे ‘ट्रेजडी आफ सोसाइटी’ की संज्ञा दी हो, उसे पार्टी का सदस्य कैसे बनाया जा सकता है?
विदित हो कि सूबे के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह बीते दिन एक कार्यक्रम के सिलसिले में मोकामा के शिवनार गांव में थे। मंच पर अनंत सिंह भी थे। मीडिया के अनंत सिंह की जदयू में वापसी की संभावना पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा था कि अनंत सिंह जदयू से बाहर कहां गए थे, वह जदयू में ही हैं।
अनंत सिंह की वापसी की संभावना का विरोध करते हुए नीरज कुमार ने कहा कि उन्हें जदयू में स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है। साढ़े 12 साल के शासनकाल में वर्तमान राज्य सरकार की यूएसपी अनंत सिंह, राजबल्लभ यादव, शहाबुद्दीन और अशोक महतो सरीखे लोगों पर की गई कानूनी कार्रवाई की है। पार्टी जब समाज सुधार का एजेंडा चला रही है तो ऐसे लोग जो विभिन्न संगीन मामलों के आरोपी हैं, उनके लिए पार्टी में स्थायी ‘नो एंट्री’ है। जदयू अपनी यूएसपी पर खरोंच नहीं आने देगा।
बता दें कि अनंत सिंह 2005 और 2010 में मोकामा से जदयू की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। 2015 चुनाव से पहले उन्हें हत्या के एक मामले में जेल हुई थी। उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर मोकामा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। उनके खिलाफ जदयू ने नीरज कुमार को अपने प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा था।