डायबिटीज के मरीजों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता हैं कोरोना, इन 5 चीजों ना करें नजरअंदाज

पहले किसी बीमारी से परेशान लोगों के लिए कोरोना ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. डायबिटीज भी इन्हीं बीमारियों में से एक है जो कोरोना के मरीजों की मुश्किलें और बढ़ा रहा है. वैसे तो कोरोना की दूसरी लहर सेहतमंद लोगों को भी अपने चपेट में ले रही है लेकिन फिर भी डायबिटीज के मरीजों मे इसकी गंभीरता थोड़ी ज्यादा है.ब्लड ग्लूकोज का खराब स्तर इंसुलिन के उत्पादन पर असर डालता है और इसकी वजह से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों का ब्लड फ्लो भी बहुत अच्छा नहीं होता है और इन्हें रिकवरी में थोड़ा ज्यादा समय लग जाता है.डायबिटीज के मरीज को अगर कोरोना हो जाए उसके लिए वायरल लोड से लड़ना और मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं उनमें और दूसरी कई बीमारियां होने का भी खतरा बढ़ जाता है. कोरोना होने के बाद डायबिटीज के मरीजों में दिल, सांस से जुड़ी दिक्कत और फेफड़े की बीमारी होने की भी संभावना बढ़ जाती है. डायबिटीज के मरीजों को कोरोना के कुछ और लक्षण भी महसूस हो सकते हैं. अगर समय पर ध्यान ना दिया गया तो ये जानलेवा भी हो सकते हैं. आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. 

स्किन रैशेज और नाखून पर असर-

 दूसरी लहर में कई लोगों को आम लक्षण से पहले स्किन रैशेज, सूजन या फिर एलर्जी जैसी दिक्कतें महसूस हो रही हैं. जैसे कि हाथ-पैर के नाखूनों पर असर और स्किन पर लाल धब्बे जैसे लक्षण उन कोरोना के मरीजों में ज्यादा पाए जा रहे हैं जिनका ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा है.डायबिटीज के मरीजों के घाव जल्दी नहीं भरते हैं. हाई ब्लड शुगर की वजह से स्किन बहुत रूखी हो जाती है. इसके अलावा स्किन पर सूजन, रेड पैचेज, फुंसी होने की संभावना बढ़ जाती है. ये सारी चीजें कोरोना के साथ भी हो सकती हैं. इसलिए डायबिटीज वाले कोरोना के मरीजों को अपनी स्किन का खास खयाल रखना चाहिए और इन शुरूआती लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए.

कोविड निमोनिया- कोरोना के मरीजों में निमोनिया खतरनाक हो सकता है, खासतौर से उनमे जिन्हें पहले से डायबिटीज हो. बढ़ा हुआ ब्लड शुगर सांस से जुड़ी दिक्कतें बढ़ाता है जिसके वजह से कोरोना और गंभीर हो जाता है. डॉक्टर्स के मुताबिक हाई ब्लड शुगर में वायरस शरीर में आसानी से फैल जाता है और दूसरे अंगों को खराब करने लगता है.

ऑक्सीजन की कमी- दूसरी लहर में कोरोना के मरीजों में ऑक्सीजन की कमी सबसे ज्यादा देखी जा रही है. डायबिटीज के मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर होती है ऐसे में उन लोगों में ऑक्सीजन की कमी का खतरा और बढ़ जाता है. डायबिटीज के मरीजों में सांस लेने में दिक्कत और चेस्ट पेन जैसे लक्षण ज्यादा पाए जा रहे हैं. इसके अलावा हाइपोक्सिया का भी सबसे ज्यादा खतरा डायबिटीज के मरीजों में ही है.  हाइपोक्सिया में बिना किसी लक्षण के ऑक्सीजन लेवल कम होने लगता है.

ब्लैक फंगस- COVID-19 में ब्लैक फंगस का खतरा अचानक ही बढ़ गया है. इसके वजह से मरीजों को सिर दर्द, आंखों का कमजोर होना और सूजन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. कुछ मामलों में इससे मरीज की जान भी चली गई है. ये खासतौर से कोरोना से ठीक हो चुके उन मरीजों को हो रहा है जिनका ब्लड शुगर बहुत ज्यादा होता है या फिर जिन्हें स्टेरॉयड की ज्यादा डोज दी गई हो.

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